भारत के हाथों करारी शिकस्त खाने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख फेल्ड (फील्ड) मार्शल के एक बार फिर अमेरिका पहुंचने की खबर है. पाकिस्तान मीडिया ने दावा किया है कि यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरीला की फेरवल में हिस्सा लेने के लिए मुनीर के फ्लोरिडा जा रहे हैं.
हाल ही में माइकल कुरीला को पाकिस्तान को दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार से नवाजा था. वो भी इसलिए क्योंकि पहलगाम नरसंहार और ऑपरेशन सिंदूर के बाद जनरल कुरीला अमेरिका को वो सबसे बड़े सैन्य अफसर थे, जिन्होंने आतंकिस्तान को पीड़ित बताया था.
जनरल कुरीला की जगह अब यूएस नेवी के वाइस एडमिरल चार्ल्स ब्रैडफॉर्ड को सेंटकॉम की कमान मिलने जा रही है.
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के चीफ के फेयरवेल में शामिल होगा मुनीर
जानकारी के मुताबिक, करीब एक साल तक सेंट्रल कमांड की कमान संभालने के बाद जनरल कुरीला का कार्यकाल खत्म हो गया है. ऐसे में सेंटकॉम के फ्लोरिडा स्थित तम्पा बेस पर जनरल कुरीला को फेरवल का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए ही मुनीर के फ्लोरिडा पहुंचने की जानकारी मिली है. अमेरिका या पाकिस्तान ने इस दौरे को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है. लेकिन ओपन सोर्स इंटेलिजेंस में पाकिस्तानी वायुसेना के एक विमान के तम्पा बेस पहुंचने की जानकारी सामने आई है.
जनरल कुरीला और मुनीर की सांठ-गांठ, दोनों ने एक दूसरे की तारीफ की थी
अमेरिका के सेंटकॉम की जिम्मेदारी, पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान और पूरे मिडिल-ईस्ट की है. पाकिस्तान को एक बार फिर से अमेरिका की गोद में बिठाने में जनरल कुरीला की अहम भूमिका रही है. क्योंकि मुनीर ने अमेरिका के एक मोस्ट-वांटेड आतंकी को पकड़कर कुरीला को सौंप दिया था. जिसके बाद कुरीला ने पहलगाम नरसंहार और ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पटखनी मिलने के बाद भी सराहा था. कुरीला ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित तक बता दिया था. बदले में हाल ही में पाकिस्तान ने निशान-ए-इम्तियाज मेडल से नवाजा था. क्योंकि जनरल कुरीला ने
नोबल पुरस्कार के नॉमिनेशन के बदले ट्रंप ने दिया था मुनीर को लंच
ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के बाद, मुनीर का अमेरिका का ये दूसरा दौरा है. इससे पहले जून के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान द्वारा नोबल शांति पुरस्कार के नॉमिनेशन के बदले व्हाइट हाउस में मुनीर को लंच के लिए आमंत्रित किया था. उस दौरे की भी कोई तस्वीर सार्वजनिक नहीं की गई थी. लेकिन उसके बाद से भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास बढ़ गई है.
पाकिस्तान ने युद्धविराम में अमेरिका की भूमिका स्वीकार करते हुए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर दिया है. ऐसे में ट्रंप की बांछे खिल गई हैं और मुनीर का दिल खोलकर स्वागत किया जा रहा है.
भारत ने नहीं दिया क्रेडिट तो बिदक गए ट्रंप
इसी हफ्ते, ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और प्रतिबंध तक लगाने की धमकी दी है. ट्रंप ने भारत पर ये टैरिफ, रूस से तेल और हथियार खरीदने को लेकर किया है. माना जा रहा है कि इसके पीछे भारत द्वारा पाकिस्तान से युद्धविराम में ट्रंप की भूमिका को पूरी तरह से नकारना है.
ट्रंप का दावा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम रुकवाने में अमेरिका की भूमिका थी. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में खड़े होकर अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका खारिज कर दी, जिसके थोड़ी ही देर बाद ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगा दिया था.