अफगानिस्तान के जलालाबाद में भारतीय काउंसलेट के स्थानीय अफगान कर्मचारी के वाहन पर हमला किया गया है. ये हमला उस वक्त हुआ जब दूतावास की गाड़ी में लोकल स्टाफ सवार थे. खास बात है कि इस स्टाफ को पिछले कुछ सालों में तीसरी बार निशाना बनाने की कोशिश की गई है.
बताया जा रहा है कुछ लोगों ने दूतावास की कार को सीधे टक्कर मार दी. इस हमले में दूतावास का एक स्थानीय कर्मचारी घायल हो गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश जारी है. भारतीय विदेश मंत्रालय, अफगानिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में हैं.
अपुष्ट खबरों के मुताबिक, हमले के वक्त कार में स्थानीय कर्मचारी के साथ एक अन्य अफगान नागरिक भी मौजूद था, जो इस हमले में हताहत हुआ है.
दूतावास के अफगानी ट्रांसलेटर को बनाया गया निशाना
यह हमला मंगलवार को जलालाबाद शहर के नवी मंडावी इलाके में हुआ, जिसमें वाणिज्य दूतावास के अनुवादक वदूद खान शिरजाद और एक भारतीय कर्मचारी को ले जा रहे वाहन को निशाना बनाया गया. वदूद खान ने जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के लिए लगभग 15 वर्षों तक ट्रांसलेटर के रूप में काम किया है.
बताया जा रहा है कि साल 2011 में भी वदूद खान का अपहरण कर लिया गया था. हालांकि, बाद में बातचीत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था. साल 2016 में भी वदूद पर जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के दौरान अटैक हुआ था, जिसमें वदूद बाल-बाल बच गए थे. अब मंगलवार को वदूद पर तीसरी बार हमला हुआ है.
साल 2020 से जलालाबाद भारतीय दूतावास ऑपरेशनल नहीं
जलालाबाद में भारतीय दूतावास 2020 से ऑपरेशनल नहीं है. दूतावास को सिर्फ स्थानीय अफगानी स्टाफ संभाल रहे हैं. भारत ने सुरक्षा कारणों से 2020 में जलालाबाद दूतावास के पूरा ऑपरेशन बंद कर दिया गया था.
वर्ष 2021 में जब तालिबानी शासन ने अफगानिस्तान में कब्जा किया तो तब भारत ने सुरक्षा करणों से अपने सभी कॉन्सुलेट्स बंद कर दिए थे. हालांकि भारत ने अफगानिस्तान में अपनी सभी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के बावजूद मानवीय सहायता जारी रखी है.
दरअसल भारत ने तालिबान शासन को अब तक आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है. फिर भी भारत समय-समय पर अफगानिस्तान को मदद पहुंचा रहा है. भारत ने मदद के तौर पर तालिबान शासन को गेहूं और दवाइयां भेजी है. मौजूदा समय में भारत का दूतावास जो कि काबुल में है, वही काम कर रहा है.