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ताइवान संकट पर चीन को मनाएगा अमेरिका ?

ताइवान की ’आजादी’ वाले बयान को ‘जंग का ऐलान’ करार देने वाले चीन को मनाने के लिए अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन अपनी चीनी समकक्ष से मुलाकात कर रहे हैं. इधर सिंगापुर में चीन और अमेरिका के रक्षा मंत्री ताइवान संकट को सुलझाने में जुटे हैं तो उधर पीएलए ने सख्त संदेश जारी किया है. 

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रवक्ता कर्नल वू ने ताइवान को चेतावनी देते हुए कहा है कि “चीन ऐसी किसी भी हरकत का सख्ती से जवाब देने के लिए तैयार है.”

‘ताइवान में विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं, तैयार है पीएलए’ 
20 मई को नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने ताइवान की सत्ता संभाली है. चिंग-ते को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है. ताइवान के नए राष्ट्रपति के भाषण से चीन भड़का हुआ है. अब चीनी कर्नल ने राष्ट्रपति पर पलटवार करते हुए ‘यूनिफिकेशन ऑफ चाइना’ की बात कही है. 

कर्नल वू ने अपने बयान में कहा कि “(ताइवान) राष्ट्रपति का भाषण विदेशी ताकतों की मदद से ताइवान की आजादी को स्वीकार करना है.  चीन ऐसी किसी भी हरकत का सख्ती से जवाब देने के लिए तैयार है. आजादी की मांग ताइवान के लिए बड़ा खतरा है.” कर्नल वू ने कहा, “ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाली अलगाववादी गतिविधियां ताइवान में शांति के लिए सबसे बड़ा वास्तविक खतरा हैं. पीएलए राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए काम कर रही है. पीएलए पूरी तरह से तैयार है, बहुत सतर्क है और ताइवान की स्वतंत्रता के किसी भी अलगाववादी कोशिश का मुकाबला करने और विदेशी हस्तक्षेप को विफल करने के लिए दृढ़ कार्रवाई करने के लिए तैयार है.”

ताइवान के राष्ट्रपति के किस बयान से चीन भड़का?
अपने शपथ ग्रहण के भाषण में ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने कहा था कि “ताइवान को धमकाना बंद करे चीन, बीजिंग की धमकियों का विरोध करते हुए ताइवान की सुरक्षा को बढ़ाएंगे”. इसके अलावा ताइवान के राष्ट्रपति ने अपने करीबी अमेरिका से रक्षा आयात बढ़ाने की भी घोषणा की थी. लाई चिंग ते ने कहा था- “देश में ही सबमरीन, एयरक्राफ्ट का निर्माण करेंगे. हम राष्ट्रीय सुरक्षा, क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दों और विदेश नीति में निरंतरता पर जोर देखेंगे.” दरअसल चीन ताइवान के यूनिफिकेशन (एकीकरण) पर अड़ा है. पर ताइवान के नए राष्ट्रपति ने कहा है कि ताइवान एक संप्रभु राष्ट्र है. 

चीन के लिए ‘विदेशी हस्तक्षेप’ का मतलब क्या है?
ताइवान के राष्ट्रपति के बयान का विरोध करते हुए चीन ने एक बड़ा युद्धाभ्यास भी किया था. ताइवान के राष्ट्रपति के शपथग्रहण के फौरन बाद ही चीन ने ताइवान को चौरतफा घेरकर बड़ी वॉर प्रैक्टिस की थी. जिसका विरोध अमेरिका ने भी किया था, अमेरिकी सांसदों के एक दल मे चीन के युद्धाभ्यास के बाद ताइवान का दौरा किया था. अमेरिका मे ताइवान के साथ खड़े रहकर चीन को कड़ा संदेश दिया. अमेरिकी सासंदों के दौरे के बाद चीन और लाल-पीला हो गया है. चीनी सेना ने ताइवान को वॉर्निंग देते हुए विदेशी हस्तक्षेप (अमेरिका) से किनारा करने को कहा है. 

अमेरिका रक्षा सचिव मिल रहे हैं चीनी समकक्ष से
सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में अमेरिकी रक्षा सचिव (मंत्री) लॉयड ऑस्टिन चीनी समकक्ष डॉन्ग जून से मुलाकात कर रहे हैं (https://x.com/globaltimesnews/status/1796410652153815373?s=46)


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