बांग्लादेश में हिंदुओं को एकजुट करने वाले चटगांव इस्कॉन के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास को गिरफ्तार किया गया है. चिन्मय दास के खिलाफ गंभीर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. शुक्रवार को ही चिन्मय दास ने रंगपुर में एक विशाल विरोध रैली का आयोजन किया था.
चिन्मय दास ब्रह्मचारी को बांग्लादेश डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ने ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया है. उन्हें ढाका से चटगांव जाते वक्त गिरफ्तार किया गया.
चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह के गंभीर आरोप
बांग्लादेश में इस्कॉन समूह के प्रमुख सदस्यों में से एक चिन्मय दास ब्रह्मचारी पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. चिटगांव जिले में चिन्मय दास समेत 19 अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज हुआ था. चिन्मय दास और बाकी लोगों पर आरोप है कि उन्होंने चिटगांव में आयोजित एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज की अवमानना की जहां इस्कॉन का भगवा झंडा बांग्लादेश के झंडे के ऊपर फहराया गया था.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार
बांग्लादेश के जासूसी विभाग ने चिन्मय दास को गिरफ्तार करके एक सीक्रेट जगह पर रखा है. बांग्लादेश शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद वहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं. उस वक्त हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया. बांग्लादेश के खुलना, मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया था. बांग्लादेश के हिंदुओं ने अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर कई बार विरोध-प्रदर्शन भी किया है. अक्टूबर में चटगांव में हजारों बांग्लादेशी हिंदू अपने अधिकार और सुरक्षा के मुद्दे पर सड़कों पर उतर आए.
नवंबर महीने में बांग्लादेश के शहर चटगांव में कट्टर इस्लामिक संगठन ‘हिफाजत-ए-इस्लाम’ ने इस्कॉन के खिलाफ एक विशाल रैली निकाली थी. रैली में इस्कॉन के खिलाफ जहरीले बोल बोले गए थे. साथ है इस्कॉन के भक्तों को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. हिफाजत-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों ने इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग करते हुए अंतरिम सरकार को धमकाया था.
अब इस्कॉन मंदिर के चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद एक बात तो साफ हो गई है, कि बांग्लादेश में अब अल्पसंख्यक अपने अधिकार की भी आवाज नहीं उठा सकते हैं.