By Nalini Tewari Rajput
बांग्लादेश में मचे सियासी उथल पुथल के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मोहम्मद यूनुस पर तगड़ा पलटवार किया है. भारत के सिलीगुड़ी कोरिडोर पर कब्जे वाले बांग्लादेश की यूनुस सरकार के बयान पर हिमंता बिस्वा सरमा ने हुंकार भरते हुए कहा है, बांग्लादेश के पास दो (02) चिकन नेक है, जो ज्यादा असुरक्षित हैं.
सीएम हिमंता ने कहा है, बांग्लादेश को नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश के पास भी दो चिकन नेक है.
सिलीगुड़ी से ज्यादा असुरक्षित हैं बांग्लादेश के दो चिकन नेक: हिमंता बिस्वा सरमा
सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जो लोग भारत को ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ को लेकर धमकाते हैं, उन्हें यह तथ्य नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश के पास भी दो ऐसे संकरे कॉरिडोर हैं, जो ज्यादा नाजुक हैं.’ बांग्लादेश में दो गलियारों का विवरण देते हुए सरमा ने कहा कि वह केवल ‘भौगोलिक तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्हें कुछ लोग भूल सकते हैं.”
कौन से हैं बांग्लादेश के दो चिकन नेक, जो संवेदनशील और कमजोर हैं
हिमंता ने मैप शेयर कर बताया, बांग्लादेश के दो कॉरिडोर के बारे में बताया है. पहला- उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर. और दूसरा- चिटगांव कॉरिडोर
- उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर
80 किलोमीटर लंबा उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर, दक्षिण दिनाजपुर से दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स तक. यहां कोई भी व्यवधान, पूरे रंगपुर डिवीजन को बांग्लादेश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से अलग कर सकता है.
- चिटगांव कॉरिडोर
28 किलोमीटर लंबा है चिटगांव कॉरिडोर, जो दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक है. भारत के चिकन नेक से भी छोटा यह कॉरिडोर बांग्लादेश की आर्थिक राजधानी चिटगांव और राजनीतिक राजधानी ढाका के बीच एकमात्र संपर्क है.
भारत के चिकन नेक पर बांग्लादेश के मंत्री ने दी थी कब्जे की धमकी
भारत का ‘चिकन नेक’, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर कहा जाता है, एक संकरा भूभाग है जिसकी चौड़ाई लगभग 22 से 35 किलोमीटर है. यही रास्ता भारत के मुख्य हिस्से को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है. इसी कॉरिडोर के जरिए सेना, जरूरी सामान और नागरिक यातायात पूर्वोत्तर तक पहुंचता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार ने चिकन नेक पर कब्जे की बात कही थी. उस वक्त भी हिमंता ने कहा था कि “अगर बांग्लादेश हमारे चिकन नेक पर हमला करता है, तो हम बांग्लादेश के दोनों चिकन नेक पर हमला करेंगे. बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह को जोड़ने वाला मेघालय का चिकन नेक भारत के चिकन नेक से भी पतला है और बस पत्थर फेंकने की दूरी पर स्थित है.”
बांग्लादेश को संयुक्त राज्य अमेरिका को बेच रहे यूनुस: शेख हसीना
हिमंता का बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत में रह रहीं शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर बांग्लादेश को अमेरिका के हाथों बेचने का आरोप लगाया है. शेख हसीना ने लिखा- “मेरे पिता सेंट मार्टिन द्वीप के लिए अमेरिका की मांगों से सहमत नहीं थे, जिसके कारण उन्हें अपनी जान देनी पड़ी. मेरी नीयत भी यही थी, कि मैंने सत्ता में बने रहने के लिए देश को बेचने के बारे में कभी नहीं सोचा था. किसी की भी मंशा अपने देश की एक इंच जमीन भी किसी को देने की नहीं हो सकती लेकिन आय ये कितना दुर्भाग्य है. ऐसा व्यक्ति सत्ता में आया है, ऐसा व्यक्ति जिसे पूरे देश के लोग प्यार करते हैं, जिसे दुनिया प्यार करती है, उसने सत्ता में आकर क्या किया?”
सेंट मार्टिन द्वीप पर क्यों है अमेरिका की रुचि?
सेंट मार्टिन द्वीप बांग्लादेश का भौगोलिक और सामरिक रूप से बेहद अहम द्वीप है. शेख हसीना ने पिछले साल जब वो सत्ता में थीं, तो खुलासा किया था कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप पर एक गुप्त सैन्य अड्डा बनाना चाहता था. अपने इंटरव्यू में शेख हसीना ने बताया था कि कि “पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी नेता खालिदा जिया ने चुनाव में मदद के बदले अमेरिका को यह द्वीप देने पर सहमति जताई थी.”
शेख हसीना ने दावा किया था कि “एक व्हाइट मैन (अमेरिकी) ने ऑफर दिया था, कि अगर वो द्वीप अमेरिका को सौंपतीं हैं, तो सत्ता चलाने में अमेरिका मदद करेगा. लेकिन शेख हसीना ने व्हाइट मैन की बात नहीं मानी और उनका ये हश्र हुआ कि अपना देश छोड़कर भागना पड़ा.”
दरअसल अमेरिका इस द्वीप के जरिए चीन के साथ-साथ एशिया पर पैनी नजर रख सकता है. शेख हसीना का कहना है कि मोहम्मद यूनुस भी खालिदा जिया की तरह ही द्वीप को विदेशी ताकतों को सौंपने की कोशिश कर रहे हैं.
मोहम्मद यूनुस ने कट्टरपंथियों को जेल से रिहा किया: शेख हसीना
शेख हसीना ने फेसबुक पोस्ट के जरिए यूनुस पर हल्ला बोला. कहा, “यूनुस ने सत्ता हथियाने के लिए प्रतिबंधित संगठनों के आतंकियों से हाथ मिलाया. हमने जिनसे वर्षों तक देशवासियों की रक्षा की, उन्हीं को अब सत्ता में जगह दी जा रही है.” शेख हसीना ने कहा, “हमने आतंकवादी हमले के बाद दर्जनों कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब वे सभी जेल से रिहा कर दिए गए हैं. बांग्लादेश की जेलें लगभग खाली कर दी गई हैं. इन आतंकियों को यूनुस ने आजाद कर दिया है, और अब बांग्लादेश उन्हीं के नियंत्रण में है.”