कटहल और आम के बीच झूल रहे हैं बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस. इसी साल मार्च के महीने में मोहम्मद यूनुस कटहल लेकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने पहुंचे थे तो अब भारत और बांग्लादेश के संबंधों में आई खटास को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को प्रसिद्ध हरिभंगा आमों की एक खेप भेजी है.
माना जा रहा है बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहती है. लेकिन पाकिस्तान के साथ करीबी बढ़ाए जाने के कारण दिल्ली भी ढाका के साथ संबंधों पर फूंक फूंक कर कदम रख रही है.
संबंधों को कितना पटरी पर लाएगी यूनुस की मैंगो डिप्लोमेसी
शी जिनपिंग को कटहल देने वाले मोहम्मद यूनुस ने भारत को 1000 किलो मैंगो भेजे हैं.मैंगो डिप्लोमेसी की राह पर आगे बढ़े चुके मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी सहित कई भारतीय नेताओं को मीठे हरिभंगा आम भेजे हैं. यूनुस सरकार ने ये आम बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों को भी भेजे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी हरिभंगा आम की खेप भेजी गई है.
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अपने शासन के दौरान बांग्लादेश से भारतीय पीएम, बंगाल और त्रिपुरा के सीएम के लिए आम भिजवाती रही हैं. शेख हसीना भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने के कारण आम भेजती थीं, लेकिन भारत से रिश्ते बिगाड़े बैठे मोहम्मद यूनुस के आम भेजा जाना किसी को सामान्य नहीं लग रहा.
जिनपिंग को कटहल देकर यूनुस ने की थी भारत विरोधी बात
इस साल मार्च के महीने में बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस कटहल लेकर चीन पहुंचे थे. यूनुस की चीन यात्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें यूनुस, भारत के खिलाफ बातें करते दिखे थे. यूनुस ने कहा था कि “भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का कोई समुद्री संपर्क नहीं है और बांग्लादेश इस क्षेत्र का ‘समुद्री संरक्षक’ है. चीन को इस क्षेत्र में विस्तार करना चाहिए.”
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यूनुस चीनी सरकार को चिकन नेक के करीब बांग्लादेश में इकोनॉमिक बेस स्थापित करने की बात करते दिखे थे. मोहम्मद यूनुस ने कहा था “भारत के सात राज्य, भारत का पूर्वी भाग, जिन्हें सात बहनें (सेवेन सिस्टर) कहा जाता है, वो भूमि से घिरे राज्य हैं, उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. हम (बांग्लादेश) इस पूरे क्षेत्र के लिए महासागर (हिंद महासागर)के एकमात्र संरक्षक हैं. इसलिए यह एक बड़ी संभावना को खोलता है. इस वजह से यहां चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है. वो यहां आकर चीजें बनाएं, उनका उत्पादन करें, उन्हें बेचें, चीन ले जाएं और उन्हें पूरी दुनिया को पहुंचाए.”
ऑपरेशन सिंदूर से पहले यूनुस के करीबी ने कही थी पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जे की बात
पहलगाम नरसंहार के बाद जहां भारत के साथ पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ खड़ी थी, वहीं पाकिस्तान परस्त बांग्लादेश का खतरनाक इरादा सामने आया था. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के एक अधिकारी और एक रिटायर्ड बांग्लादेशी मेजर जनरल एएलएम फजलुर रहमान ने कहा था कि “भारत अगर पड़ोसी देश पाकिस्तान पर हमला करता है तो बांग्लादेश को भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा कर लेना चाहिए.” इस कट्टर अधिकारी ने चीन के साथ एक जॉइंट मिलिट्री सिस्टम पर भी चर्चा की पैरवी की थी.
सवाल ये है कि भारत के खिलाफ जहर उगलने और चीन-पाकिस्तान के साथ खड़े रहने वाला बांग्लादेश चाहता क्या है. हाल ही में चीन-बांग्लादेश-पाकिस्तान एक साथ एक मंच पर नजर आए थे.
साफ है कि पड़ोसी देशों में भारत के खिलाफ कोई खिचड़ी पक रही है. ऐसे में हरिभंगा आम के जरिए मधुर संबंध जुटाने में जुटे बांग्लादेश के साथ रिश्ते बढ़ाने से पहले बहुत सचेत रहने की आवश्यकता है.