पुतिन के पांचवी बार राष्ट्रपति चुने जाने के महज पांच दिनों के भीतर ही रूस की राजधानी मास्को में हुआ एक बड़ा आतंकी हमला. शुक्रवार शाम एक कॉन्सर्ट हॉल में हुए हमले में 60 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं. हमले में शामिल चार-पांच हमलावरों को गिरफ्तार करने की अपुष्ट खबरें सामने आई हैं.
लेकिन पिछले दो दशक में मास्को में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले से एक बार फिर आमने सामने हैं रूस और अमेरिका. अमेरिका के उस बयान पर रूस बिफर पड़ा है, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि मॉस्को में हुए आतंकी हमले में यूक्रेन का कोई हाथ नहीं. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा अमेरिका को कैसे पता यूक्रेन का इसमें हाथ नहीं है ? विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि अमेरिका के पास जो भी जानकारी है, वो हमें दे. यूक्रेन को क्लीन चिट देने की जगह जानकारी साझा करें. अमेरिका ने दावा किया है कि उन्होंने रूस से हमले की खुफिया इनपुट शेयर किया था. पर रूस ने अमेरिका के ऐसे दावों को सिरे से खारिज कर दिया है.
अमेरिका नहीं हम बताएंगे हमले के पीछे कौन है, कौन नहीं: रूस
मॉस्को में बड़े हमले का दंश झेल रहे रूस ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि आतंकी हमले में कौन शामिल है और कौन नही, यह केवल रूसी अथॉरिटी बता सकती है, इस त्रासदी के बीच वाशिंगटन में बैठे अधिकारी किस आधार पर किसी की बेगुनाही के बारे में बोल रहे हैं? अगर अमेरिका के पास हमले से जुड़ी अगर कोई विश्वसनीय जानकारी थी या है, तो तुरंत रूसी पक्ष को दें. और अगर ऐसी कोई जानकारी नहीं है, तो व्हाइट हाउस को किसी को क्लीन चिट देने का कोई अधिकार नहीं है. रूस यह पता लगाएगा कि इस हमले के पीछे कौन हैं’.
हमने रूस को पहले ही आगाह किया था: अमेरिका
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वाटसन ने दावा किया है कि अमेरिका ने रूस को मॉस्को में हमले की संभावना के बारे में चेतावनी दी थी. अमेरिका ने रूस में हुए आतंकी हमले के बाद कहा है कि हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकवादी इस महीने मॉस्को पर हमला करने की योजना बना रहे थे. आतंकवादी बड़ी सभा या किसी कॉन्सर्ट को निशाना बना सकते हैं. हमने रूस में रहने वाले अमेरिकियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी साथ ही जानकारी को रूसी अधिकारियों के साथ भी साझा की थी. मॉस्को में हमले पर व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा है- ‘फिलहाल इस बात का कोई संकेत नहीं है कि यूक्रेन या यूक्रेनी लोग गोलीबारी में शामिल हैं. हम हमले पर नजर रख रहे हैं.’
आईएसआईएस ने ली मास्को हमले की जिम्मेदारी ?
मास्को के क्रोकस सिटी हॉल (कॉन्सर्ट हॉल) में शुक्रवार यानी 22 मार्च की शाम चीख पुकार मच गई. ऑटोमैटिक हथियारों से लैस 4-5 अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी. अंधाधुंध फायरिंग में 60 लोगों की मौत हुई है (ये आंकड़ा बढ़ने की आशंका है), जबकि 115 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. चश्मदीदों के मुताबिक कॉन्सर्ट हॉल में घुसते ही हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी, कई धमाके भी किए गए. आतंकियों ने मेन गेट को बंद कर दिया था. गेट पर तैनात गार्ड की हत्या की और फिर फायरिंग करने लगे. मौके पर फौरन रूसी स्पेशल फोर्स, पुलिस और जांच एजेंसियों ने मोर्चा संभाला, 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया. कॉन्सर्ट हॉल पर जब आतंकियों ने हमला किया उस वक्त वहां ‘पिकनिक म्यूजिक’ बैंड का परफॉर्मेंस चल रहा था. इस म्यूजिक कॉन्सर्ट के सभी टिकट बिके थे. माना जा रहा है कि जिस वक्त अटैक हुआ 6-7000 से लोग मौजूद थे. आईएसआईएस ने हमले के बाद ये भी कहा है हमले को अंजाम देने वाले उसके आतंकी सुरक्षित हैं.
मास्को हमले पर जेलेंस्की ने क्या कहा ?
रूस में आतंकी हमले को लेकर यूक्रेन का बयान आया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने कहा कि ‘मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल में हुई गोलीबारी और विस्फोट की घटना में यूक्रेन का कोई हाथ नहीं है. यूक्रेन का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है. यूक्रेन ने कभी भी आतंकवादी तरीकों का इस्तेमाल नहीं किया है, यूक्रेन युद्ध के मैदान में अपनी लड़ाई लड़ेगा’. वहीं रूस की सुरक्षा परिषद के उपप्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने यूक्रेन को चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन की संलिप्तता साबित हो जाती है, तो इसमें शामिल लोगों का पता लगाया जाएगा और उन्हें मार दिया जाएगा.
पीएम मोदी ने आतंकी हमले पर दुख जताया
पीएम मोदी ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा है कि “हम मॉस्को में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. दुख की इस घड़ी में भारत रूस की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.”
मॉस्को में ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनो ही अलग अलग मंचों पर शांति वार्ता को लेकर बयान दे चुके हैं. 17 मार्च (रविवार) को ही पुतिन अपने देश के एक बार फिर राष्ट्रपति चुने गए थे. 02 साल से चल रही खूनी जंग के बीच इसी महीने स्विटजरलैंड में यूक्रेन ने शांति वार्ता सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें भारत भी हिस्सा लेगा. बुधवार यानी 20 मार्च को पीएम मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की दोनों से फोन पर बात की थी. पूरी दुनिया मानती है कि पीएम मोदी के जरिए रूस और यूक्रेन में समझौता किया जा सकता है. यूक्रेन के साथ साथ पुतिन भी अब ये मानने लगे हैं कि दोनों देशों में शांति हो. पर आतंकी हमले के बाद कहीं ना कहीं फिर से दोनों देशों में कड़वाहट शुरु हो गई है. कौन है जो चाहता है कि रूस-यूक्रेन में बातचीत को डिरेल किया जाए ?
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