दुनियाभर में क्रिसमस की धूम है. दुनिया के सभी चर्च रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं, गिरजाघरों में एक से एक बढ़कर क्रिसमस ट्री लगाए गए हैं. लेकिन ईसा मसीह के जन्म स्थान बेथलहम में क्रिसमस कैरोल की जगह वीरानी है. क्रिसमस पर हमेशा गुलजार रहने वाले बेथलहम में मानों युद्ध की सिसकियां गूंज रही हो. जीसस क्राइस्ट (ईसा मसीह) का जन्म स्थान फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक के बेथलहम में है, जहां इजरायल और हमास के युद्ध का असर दिखाई पड़ रहा है. ईसा मसीह के जन्म स्थान बेथलहम में इजरायल-हमास की जंग के कारण कोई जश्न नहीं मनाया गया. बेथलहम में न तो कोई रोशनी की गई और न ही कोई क्रिसमस ट्री नजर आया. नजर आया तो फिलिस्तीन का एक विशाल झंडा और बैनर, जिस पर लिखा था, “गाजा में युद्ध-विराम के लिए बेथलहम की घंटियां बज रही हैं.”
इनक्यूबेटर में बेबी यीशु
फिलिस्तीनी आर्टिस्ट राणा बिशारा ने गाजा के युद्ध पीड़ितों का समर्थन जताते हुए बेथलहम में अनोखी मूर्ति बनाई. बेथलेहम में ‘चर्च ऑफ द नेटिविटी’ के सामने एक इनक्यूबेटर के अंदर कैक्टस (कांटों) से घिरे यीशु (ईसाह मसीह) की मूर्ति दिखाई गई. बिशारा ने मैंगर स्क्वायर में कैक्टस से घिरे यीशु की सांकेतिक कलाकृति को प्रदर्शित किया. दरअसल राणा बिशारा ने ये सांकेतिक प्रतिमा गाजा के अल शिफा के अस्पताल की बनाई, जहां बमबारी के बाद 8 प्रीमेच्योर बेबी की मौत का दावा किया गया था. बिशारा ने कहा कि जब तक इजरायल गाजा पर बमबारी करेगा, तब तक फिलिस्तीन में कोई क्रिसमस उत्सव नहीं मनाया जाएगा.
पोप फ्रांसिस ने दिया शोक संदेश
वेटिकन सिटी में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर पोप फ्रांसिस ने शोक संदेश के साथ प्रार्थना की शुरुआत की. पोप फ्रांसिस ने कहा, “हमारे दिलों में बेथलहम है. यीशु के शांति के संदेश को ‘युद्ध के निरर्थक तर्क’ द्वारा उसी भूमि में दबा दिया जा रहा है, जिस भूमि पर उनका जन्म हुआ था.” 87 वर्षीय पोप ने कहा क्रिसमस का असली संदेश शांति और प्रेम है.
ईसा मसीह का जन्म
ईसा मसीह का जन्म आज से दो हजार साल पहले बेथलेहम के एक यहूदी परिवार में हुआ था. उन्होंने ही ईसाई धर्म की शुरूआत की थी. बेथलेहम से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर जेरूशलम है जो तीनों अब्राहम-धर्म यानी ईसाई, यहूदी और इस्लाम का पवित्र स्थान है. ईसा मसीह (यीशु) के जन्मदिन की याद में ही दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है. ईसाह मसीह ने पूरी दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था.
क्रिसमस से पहले 5 बंधकों की हत्या
युद्ध-विराम के बाद एक बार फिर से गाजा में इजरायली एक्शन के बाद हमास ने 5 बंधकों की हत्या कर दी है. इजरायली सेनाओं ने सुरंग से 5 बंधकों के शव बरामद किए हैं. मृतक बंधकों को इजरायली सेना ने अपने ध्वज के साथ श्रद्धांजलि दी है. आईडीएफ ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में मृतक बंधकों को सम्मान देते दिखाया गया है. बंधकों का शव बरामद करने के बाद आइडीएफ उन्हें अपने देश इजरायल वापस लाई. सम्मान पूर्वक इजरायली जमीन पर सभी को दफन किया गया. मारे गए बंधकों में 3 इजरायली सैनिक भी शामिल हैं.
इजरायल-हमास युद्ध
पिछले 75 दिनों से इजरायल और फिलिस्तीन की मिलिट्री-विंग, हमास के बीच भीषण युद्ध चल रहा है. हालांकि, इजरायल की डिफेंस फोर्सेज का मुख्य निशाना फिलिस्तीन का गाजा पट्टी इलाका है लेकिन युद्ध की आंच वेस्ट बैंक पर भी दिखाई पड़ रही है. युद्ध में अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और करीब 50 हजार लोग घायल हुए हैं. बड़ी संख्या में लोगों का अपना घर छोड़ना पड़ा है और शरणार्थी बनने के लिए मजबूर हैं. इजरायल का कहना है कि जब तक हमास उसके बंधक बनाए सभी नागरिकों को नहीं रिहा कर देता है, युद्ध जारी रहेगा.
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