गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग को खत्म करने की कोशिशें जारी हैं. मध्यस्थता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एक बार फिर मिस्र के दौरे पर हैं. हमास और इजरायल के बीच संघर्ष के दौरान 10वीं बार ऐसा मौका है जब एंटनी ब्लिंकन मिडिल ईस्ट के दौरा पर हैं. अमेरिका की कोशिश है कि 7 अक्टूबर की पहली बरसी से पहले इजरायल-हमास युद्ध पर विराम लग जाए.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एंटनी ब्लिंकन के दौरे की जानकारी देते हुए कहा, “हम मिडिल ईस्ट में अपने पार्टनर्स खासकर मिस्र और कतर से बातचीत करेंगे कि इजरायल और हमास के लिए ऐसा प्रस्ताव बनाया जाए, जिसे दोनों पक्ष मान लें.”
इजरायल अटैक की पहली बरसी से पहले हो जाएगा समझौता?
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का मिस्र दौरा इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि पिछले 11 महीने से इजरायल का सैन्य ऑपरेशन गाजा में जारी है. मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से इजरायल और हमास में युद्ध विराम की कोशिशें चल रही हैं. कई बार वार्ता फेल हो चुकी है, पर नई शर्तों के साथ फिर से प्रस्ताव बनाया जा रहा है, ताकि युद्ध विराम हो सके. अमेरिकी प्रवक्ता मैथ्यू मिलर के मुताबिक, “ब्लिंकन ऐसी डील पर पहुंचने की कोशिश करेंगे, जिससे सभी बंधकों की रिहाई होगी, फिलीस्तीन के लोगों का दर्द कम होगा और क्षेत्रीय सुरक्षा मजबूत की जा सकेगी.”
पिछले साल 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने दक्षिणी इजरायल पर बड़ा हमला करते हुए 1200 लोगों का नरसंहार किया था और 150 लोगों को बंधक बना लिया था. ऐसे में इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग छेड़ दी थी, जो आज तक जारी है. इस जंग में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और लाखों विस्थापित हो चुके हैं.
इजरायल क्यों नहीं मान रहा प्रस्ताव, क्या है नेतन्याहू की मांग?
दरअसल पिछले महीने भी मिस्र में समझौते पर बात की गई थी. पर इजरायली पीएम की मांग है कि गाजा और मिस्र के बीच बफर बनाए रखने के लिए फिलाडेल्फिया कॉरिडोर में सैनिकों को तैनात रखेगा. पर हमास की मांग है कि इजरायली सेना को हर जगह से पीछे हटना होगा, चाहे वो फिलाडेल्फिया हो या फिर कोई और जगह. इजरायली सेना को हर जगह से पीछे हटना पड़ेगा. वहीं इजरायल फिलाडेल्फिया पर इसलिए सैनिकों की तैनाती चाहता है, क्योंकि उसका मनना है कि “मिस्र के इस कॉरिडोर के जरिए हमास आतंकी हथियारों का जखीरा बनाते हैं, सुरंग बनाते हैं और हमास को मजबूत करते हैं.”
होगा समझौता या जारी रहेगी जंग?
मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में कई बार वार्ता की जा चुकी है. एक बार फिर से वार्ता को सफल बनाने के उम्मीद में एंटनी ब्लिंकन मिस्र दौरे पर हैं. पर शांति समझौते से पहले इजरायल पर यमन के हूती और हिजबुल्लाह के अटैक से तनाव कम होने के बजाए बढ़ रहा है. इजरायल ने कहा है कि “जबतक बंधक रिहा नहीं होंगे और हमास का खात्मा नहीं होता है. तबतक चैन से नहीं बैठेंगे.”
फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर इजरायली नियंत्रण पर भड़का मिस्र
राफा बॉर्डर पर फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर कंट्रोल को लेकर मिस्र ने इजरायल की आलोचना की है. मिस्र ने हथियारों की तस्करी के इजरायली दावे को पूरी तरह से नकार दिया है और क्षेत्र से इजरायली सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा बनाने की मांग की है. मिस्र ने बेंजामिन नेतन्याहू के दावों पर कड़ी आपत्ति जताई है मिस्र की ओर से कहा गया है कि नेतन्याहू बंधकों की रिहाई और सीजफायर की बातचीत में बाधा डाल रहे हैं.