भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे तनाव के बीच बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी और बीजीबी डीजी के बीच ढाका में अहम बैठक हुई. भारत और बांग्लादेश के बीच हुई इस अहम बैठक में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों, सीमा पर हिंसा रोकने जैसे कई मुद्दों पर सहमति बनी है.
बीएसएफ डीजी ने इस बैठक में बीजीबी प्रमुख से साफ कहा है कि भारत अवैध घुसपैठियों पर सख्त है और एक्शन लेता रहेगा. डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि गोली चलाना बीएसएफ जवानों का अंतिम विकल्प है.
अवैध घुसपैठियों पर हमारी नजर, सीमा पर सुरक्षा पर जोर- बीएसएफ डीजी
भारत- बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बलों के प्रमुखों के बीच द्विवार्षिक महानिदेशक स्तरीय बैठक गुरुवार को ढाका में हुई. बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने 11 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, तो वहीं, बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) प्रमुख के साथ 21 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल बैठक में मौजूद रहे.
पिछले साल बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार आने के बाद से सीमा पर तनातनी थी. बीएसएफ और बीजीबी के बीच कई जगहों पर तनावपूर्ण संबंध थे. खासतौर पर जब भारत ने घुसपैठियों पर कार्रवाई की और बाड़ेबंदी की बात की थी.
इस बैठक के दौरान बीएसएफ डीजी ने कहा है कि भारत से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजते रहेंगे. बीएसएफ डीजी ने बैठक में बताया कि अब तक 550 लोगों को बीजीपी को सौंपा जा चुका है और 2,400 मामलों का सत्यापन भारत स्थित बांग्लादेशी उच्चायोग की सहायता से किया गया है.
हम अंतिम विकल्प के तौर पर करते हैं घातक हथियारों का इस्तेमाल- बीएसएफ डीजी
बातचीत के दौरान भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौत का मुद्दा भी उठाया. बीजीबी प्रमुख ने बांग्लादेशी लड़के के बीएसएफ द्वारा कथित गोली मारे जाने की घटना के बारे में बातचीत शुरु की. लेकिन बीएसएफ डीजी ने बताया कि इस वर्ष के पहले छह महीनों में घुसपैठियों द्वारा धारदार हथियारों से किए गए हमलों में 35 बीएसएफ जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
बीएसएफ डीजी ने फायरिंग को लेकर कहा, “ बीएसएफ के जवान घातक हथियारों का प्रयोग केवल अंतिम विकल्प के रूप में करते हैं, जब उनकी जान को खतरा होता है. बीएसएफ के जवान पहले चेतावनी देते हैं, फिर रास्ता रोकते हैं, लेकिन उसके बाद भी घुसपैठी नहीं माना और हालात ऐसे बनते हैं कि जवान की जान को खतरा हो, तभी फायरिंग की जाती है.
बैठक में किन-किन मुद्दों पर बनी सहमति
ढाका में हुए डीजी-स्तरीय सम्मेलन में संयुक्त गश्त, निगरानी और तस्करी-घुसपैठ रोकने पर सहमति बनी. दोनों देशों ने सीमा हत्याओं को शून्य करने और घुसपैठ रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.दोनों पक्षों ने सीमा पार अपराध, आतंकवाद और कट्टरपंथ को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की प्रतिबद्धता जताई. चर्चा में सहमति बनी कि संयुक्त जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे. संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रयास होंगे.
4096 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर सत्ता परिवर्तन के बाद देखने को मिली झड़प
शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने और भारत में शरण लेने के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई है. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद से कट्टर दुश्मन पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ा ली है. साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई है. बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं. दोनों देशों के बीच तनाव का असर, भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी देखने को मिला है.
भारत और बांग्लादेश के बीच करीब 4096 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है. बांग्लादेश की तरफ से होने वाली अवैध घुसपैठ से बॉर्डर पर तनाव बना रहता है. पशुओं की तस्करी और ड्रग्स स्मगलिंग भी दोनों देशों की सीमा पर बड़ी समस्या बनी हुई है.