यूएन पीसकीपिंग मिशन के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के कैंप को उग्र भीड़ से बचाने के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बीएसएफ के दो जवानों को राष्ट्रपति के वीरता मेडल से नवाजा गया है. 75 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय द्वारा वीरता मेडल दिए जाने का ऐलान किया गया है.
गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पुलिसकर्मियों की लिस्ट जारी की गई है जिसके बीएसएफ के दोनों बहादुर जवानों का नाम शामिल है. देशभर के कुल 1132 पुलिसकर्मियों, फायर सर्विस, होम गार्ड और करेक्शन सर्विस के कर्मचारियों को इस साल प्रेसिडेंट गैलेंट्री और सर्विस मेडल से नवाजा गया है. इनमे से दो बीएसएफ के जवानों को मरणोपरांत राष्ट्रपति वीरता पदक (पीएमजी) से नवाजा गया है. कुल 275 कर्मियों को वीरता मेडल (पीजी) दिए गए हैं.
मरणोपरांत पीएमजी बीएसएफ के हेड कांस्टेबल एस आर विश्नोई और हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह को दिया गया है. जुलाई 2022 में दोनों ही यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत अफ्रीकी देश कांगो में तैनात थे. 25 जुलाई 2022 को यूएन मिशन के कैंप पर स्थानीय उत्तेजित भीड़ ने हमला कर दिया था. बीएसएफ के दोनों बहादुर जवानों ने भीड़ को काबू करने के लिए हवाई फायर किए और नॉन-लीथल हथियारों का इस्तेमाल किया था. इसी दौरान उग्र भीड़ ने कैंप पर फायरिंग शुरु कर दी जिसमें एस आर बिश्नोई और शिशुपाल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए.
बीएसएफ के मुताबिक, दोनों ही बहादुर जवानों ने घायल होने के बावजूद उग्र भीड़ से मोर्चा संभाले रखा और कैंप के अंदर दाखिल नहीं होने दिया. लेकिन गोली लगने के कारण दोनों की बाद में जान चली गई. एस आर विश्नोई और शिशुपाल सिंह की असाधारण वीरता, कुशल नेतृत्व और कर्तव्य के प्रति उच्च निष्ठा के लिए सरकार ने 75 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मरणोपरांत प्रेसिडेंट गैलेंट्री मेडल (पीएमजी) से नवाजा है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, जिन 275 जवानों को वीरता पदक से नवाजा गया है उनमें सबसे ज्यादा 119 लेफ्ट विंग एक्सट्रेमिज्म (एलडब्ल्यूई) प्रभावित इलाकों में तैनात हैं, 133 जम्मू-कश्मीर में और 25 देश के अन्य क्षेत्रों में तैनात हैं. वीरता पदक पाने वालों में सबसे ज्यादा 72 जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल हैं. उसके बाद 65 सीआरपीएफ, 26 छत्तीसगढ़ पुलिस, 21 एसएसबी, 18 महाराष्ट्र पुलिस, 15 ओडिशा और 08 दिल्ली पुलिस के शामिल हैं.
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