दिल्ली में कनाडा के छह डिप्लोमैट के निष्कासन और कनाडा से भारतीय राजनयिकों को वापस बुलाने के भारत के फैसले के बाद जस्टिन ट्रूडो की अक्ल ठिकाने आ गई है. भारत के इस कड़े रुख के बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो जान गए हैं कि उन्होंने अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है. खालिस्तानी आतंकियों का साथ देने के बाद अब जब जस्टिन ट्रूडो घिर गए हैं. ट्रूडो ने कहा है कि “हम भारत से लड़ाई नहीं चाहते हैं.”
हम भारत का सम्मान करते हैं, लड़ाई नहीं चाहते: ट्रूडो
भारत के कड़े रुख के बाद जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि “कनाडा, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी कनाडा के लिए ऐसा ही करेगी. कनाडा के नागरिकों की सुरक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है. कनाडा-भारत का लोगों के बीच आपसी संबंधों, व्यापार और कारोबार में निहित एक लंबा इतिहास है.
ट्रूडो ने हालांकि, ये जरूर कहा कि हम अभी जो देख रहे हैं, उसे सहन नहीं कर सकते. यह कोई विकल्प नहीं है जो कनाडा ने कनाडा-भारत संबंधों में तनाव पैदा करने के लिए चुना गया है. भारत एक महत्वपूर्ण लोकतंत्र है. भारत और कनाडा के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध हैं. हमें एक साथ रहना होगा. हम लड़ाई नहीं चाहते हैं. इसलिए हर कदम पर हमने भारत को जो कुछ भी पता है (खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के बारे में) साझा किया गया है. (भारत कनाडा में आर-पार की लड़ाई, Diplomats निष्कासित)
पीएम मोदी से लाओस में की थी बात: जस्टिन ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर लाओस में पीएम मोदी से बातचीत करने का हवाला दिया है. ट्रूडो ने अपने बयान में कहा, “जब मैंने पिछले सप्ताह के अंत में पीएम मोदी से बात की तो मैंने इस बात पर जोर देकर कहा कि इस सप्ताह के अंत में सिंगापुर में हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बैठक होने वाली थी. पीएम मोदी को उस बैठक के बारे में पता था और मुझे भी. उन पर दबाव डाला कि बैठक को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है.”
बार-बार जस्टिन ट्रूडो, लाओस में पीएम मोदी से बातचीत का दावा कर रहे हैं. पर भारत के मुताबिक, लाओस में पीएम मोदी और ट्रूडो के बीच इस तरह की कोई मुलाकात नहीं हुई है. भारत ने साफ किया है कि ट्रूडो ने बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बता दिया गया था कि ये सही समय और जगह नहीं है वार्ता के लिए.
जांच में भारत हमारी मदद करे: कनाड़ाई विदेश मंत्री
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के साथ कनाडा के संबंधों को तनावपूर्ण और ‘बहुत कठिन’ बताया है. सोमवार को ही मेलोनी जोली ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि “कनाडा में निज्जर जैसी हत्याओं का खतरा अभी भी बना हुआ है. कनाडा सरकार निज्जर के मौत की जांच में भारत से मदद चाह रही है, ताकि घटना में जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाई जा सके. लेकिन अभी तक भारत से मदद नहीं मिली है.”
मेलानी ने कहा कि जिस तरह भारत, अमेरिका की मदद कर रहा है, ठीक वैसे ही कनाडा की भी करे. अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने के मामले में भारतीय जांच दल एफबीआई की मदद कर रहा है.
भारत के खिलाफ ब्रिटेन से गिड़गिड़ाए ट्रूडो
बढ़ते कूटनीतिक तनाव को देखते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अब भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कनाडा के पीएम, पीएम मोदी के कड़े रुख के बाद अब अपने मित्र देशों को भारत के खिलाफ करने की कोशिश कर रहे हैं.
जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से बात की. कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “ प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडाई नागरिकों के खिलाफ टारगेट अभियान से संबंधित हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की.”
कनाडा पुलिस ने माना कनाडा में ‘खालिस्तानी’ हैं
जिस भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी को निज्जर को अपना नागरिक बताकर ट्रूडो भारत से भिड़े हुए हैं खुद उनकी पुलिस ने मान लिया है कि खालिस्तानी आतंकी कनाडा में रहते हैं.
कनाडा पुलिस के प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया कि “क्या भारत का टारगेट सिख समुदाय है. तो पुलिस ने कहा, नहीं. वे खालिस्तान समर्थित लोगों को टारगेट कर रहे हैं.” मतलब साफ है कि पुलिस खुद मान रही है कि कनाडा में खालिस्तानी समर्थक गुट सक्रिय हैं.
कनाडा से तनाव के बीच भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है जबकि दिल्ली में कनाडा के छह डिप्लोमैट को भारत ने निष्कासित कर दिया है. इस कदम की कनाडा ने बिलकुल उम्मीद नहीं की थी. जिसके बाद अब जस्टिन ट्रूडो बैकफुट पर हैं. (विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो को किया Naked, लगाए थे मनगढ़ंत आरोप)