तीसरी बार देश की कमान संभालने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश नीति को लेकर संदेश जारी कर दिया है. ये संदेश कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश के जवाब में दिया है. ट्रूडो की बधाई संदेश का चार दिन बाद जवाब देते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं के सम्मान पर आधारित होंगे. साफ है कि पीएम मोदी का खालिस्तानी आतंकियों की भारत-विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंता है.
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से तनाव के बीच पहली बार पीएम मोदी और कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो में सोशल मीडिया के जरिए बातचीत हुई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश का 4 दिन बाद पीएम मोदी ने जवाब दिया है. साथ ही पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो के उस कमेंट पर भी जवाब दिया है, जिसमें ट्रूडो ने कहा था कि-“मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन पर आधारित देशों के लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कनाडा भारत सरकार के साथ खड़ा है.”
पीएम मोदी ने कनाडाई पीएम को क्या दिया जवाब ?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को चार दिन बाद जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा है,”भारत आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं के सम्मान के आधार पर कनाडा के साथ काम करने के लिए तत्पर है. बधाई संदेश के लिए कनाडाई पीएम को धन्यवाद.”
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जून को पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा था,”भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में जीत पर बधाई. कनाडा मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन पर आधारित संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है.” अब पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो को ठीक वैसा ही जवाब दिया है जैसा उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में दिया था.
चीन के बाद दूसरा विदेशी खतरा भारत: ट्रूडो
हाल ही में कनाडा की उच्च स्तरीय समिति ने भारत को चीन के बाद कनाडा के लिए “दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा” बताया है. कनाडा की जिस राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया संसदीय समिति ने भारत को दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया है, उस समिति में हाउस ऑफ कॉमन्स और सीनेट दोनों से शीर्ष सुरक्षा मंजूरी प्राप्त सदस्य हैं. पैनल में सांसदों के साथ साथ कनाडा के रक्षा अधिकारी भी शामिल होते हैं. कनाडा की यह रिपोर्ट भारत में एक बार फिर से मोदी सरकार की जीत के दौरान जारी की गई है. भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के बीच जारी हुई है. कनाडा के पैनल की 84 पन्नों की रिपोर्ट में तकरीबन 44 बार भारत का जिक्र किया गया है. कनाडा की इस रिपोर्ट में कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संस्थानों में दखल, नेताओं और समुदायों को टारगेट करने को इसका आधार बनाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि “चीन के बाद भारत दूसरी खतरा. भारत का विदेशी दखल धीरे-धीरे बढ़ गया है.” रिपोर्ट के बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप के बारे में सरकार की गंभीर चिंताएं जाहिर की हैं. हालांकि भारत ने कनाडा की इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कनाडा के खुफिया प्रमुख का सीक्रेट भारत दौरा क्यों?
कनाडा की खुफिया एजेंसी के प्रमुख डेविड विग्नॉल्ट ने फरवरी और मार्च महीने में भारत का गुपचुप दौरा किया था. डेविड विग्नॉल्ट का ये दौरा अघोषित था. निज्जर हत्याकांड में भारतीय शूटर्स करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बरार की गिरफ्तारी से कुछ हफ्ते पहले सीएसआईएस के निदेशक ने भारत का दौरा किया था. ऐसा माना जा रहा है कि कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा के निदेशक विग्नॉल्ट ने हत्या के संबंध में भारतीय अधिकारियों से जांच शेयर की थी और वापस लौटने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दरअसल खालिस्तानी आतंकी और भारत के मोस्ट-वांटेड हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा सीधे तौर पर भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगा रहा है. लेकिन भारत ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खुद कनाडा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि “कनाडा उन लोगों को वीजा देता है जो भारत में वांटेड हैं और पंजाब में संगठित अपराधों से जुड़े लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है.”