दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनातनी खत्म नहीं हो रही. ताजा मामला सबीना शोल का है, जिस पर चीन और फिलीपींस दोनों अपना दावा करते हैं. चीन के 40 जहाजों ने मनीला के सबसे बड़े तटरक्षक जहाज को खाद्य एवं अन्य सामान की आपूर्ति करने से रोक दिया है. फिलीपींस के अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी देते हुए चीन को समझौते का उल्लंघन और टकराव का जिम्मेदार ठहराया है.
घटना पर क्या है चीन और फिलीपींस का दावा?
फिलीपींस के तटरक्षक बल का दावा है कि सोमवार को राष्ट्रीय नायक दिवस पर “31 संदिग्ध मिलिशिया जहाजों के साथ चीनी तटरक्षक बल और नौसेना के जहाजों की ‘‘अत्यधिक तैनाती’’ ने उस दिन खाद्य आपूर्ति को अवैध तरीके से बाधित किया.”
वहीं बीजिंग में चीन के तटरक्षक बल ने फिलीपींस के जहाजों के आने को घुसपैठ करार देते हुए कहा, “सबीना शोल के पास समुद्र में घुसपैठ करने वाले फिलीपींस के दो तटरक्षक जहाजों के खिलाफ नियंत्रण संबंधी कदम उठाए हैं. फिलीपींस के जहाजों ने बार-बार चीनी तटरक्षक जहाजों की ओर जाकर स्थिति को तनावपूर्ण बनाया.”
चीन-फिलीपींस में टकराव और संघर्ष बढ़ा
चीन और फिलीपींस ने हाल के महीनों में सबीना शोल में अलग-अलग तटरक्षक जहाजों को तैनात किया है. दोनों देशों में द्वीप पर नियंत्रण को लेकर टकराव है. फिलीपींस को अमेरिकी मदद दिए जाने से चीन और भी भड़का हुआ है. वहीं पिछले सप्ताह भी चीन और फिलीपींस में सबीना शोल पर संघर्ष हुआ था.
विवाद ख़त्म करने के लिए जुलाई में हुआ था दोनों देशों में समझौता
पिछले महीने यानी जुलाई में चीन और फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्र, द्वितीय थॉमस शोल पर तनाव कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया था. फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि “दोनों पक्ष दक्षिण चीन सागर में तनाव कम करने और मतभेदों को बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए सुलझाने की जरूरत को समझते हैं.” फिलीपींस और चीनी राजनयिकों के बीच कई बैठकों और राजनयिक नोट के आदान-प्रदान के बाद मनीला में महत्वपूर्ण समझौता किया गया था, जिसका उद्देश्य किसी भी पक्ष के क्षेत्रीय दावों को स्वीकार किए बिना ऐसी व्यवस्था बनाना है, जिसे दोनो पक्ष (चीन-फिलीपींस) मानें.