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तिब्बत का बदल दिया नाम, डरा चीन

तिब्बत क्रांति की 65वीं वर्षगांठ पर हुए विरोध के चलते चीन बौखला गया है. चीन ने अब तिब्बत का आधिकारिक नाम बदलकर शिज़ांग कर दिया है. भारत में चीन के दूतावास ने पहली बार आधिकारिक तौर से ‘तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र’ को शिज़ांग बोलकर संबोधित किया है. 

सोमवार को भारत में चीनी दूतावास के राजदूत वांग शिओजियान ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि “तथाकथित तिब्बत की निर्वासित सरकार एक अलगाववादी राजनीतिक संगठन से ज्यादा कुछ नहीं है जो तिब्बत की स्वतंत्रता का एजेंडा चला रही है. ये एक गैर-कानूनी संगठन है जो चीन के संविधान और कानून की अवहेलना करती है. इसे दुनिया का कोई देश मान्यता नहीं देता है.” 

हालांकि, पिछले साल दिसंबर में चीन ने तिब्बत का नाम शिज़ांग कर दिया था. लेकिन वो तब तक आधिकारिक रिकॉर्ड में बदलाव किया गया था. लेकिन अब चीन के अधिकारियों और राजनयिकों ने सार्वजनिक तौर से तिब्बत को शिज़ांग के नाम से संबोधित करना शुरु कर दिया है.

दरअसल, भारत के धर्मशाला स्थित तिब्बत की निर्वासित सरकार का मुख्यालय है. रविवार यानी 10 मार्च को तिब्बती क्रांति की 65वीं वर्षगांठ थी. इस मौके पर केंद्रीय तिब्बत प्रशासन ने चीन के खिलाफ बयान जारी कर चीन के कब्जे वाले तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की सरकार द्वारा दमनकारी नीतियों की आलोचना की थी. बयान में बताया गया था तिब्बत को चीन ने एक ‘सर्विलांस-स्टेट’ बना दिया है जिसमें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने की आजादी तक नहीं है. 

तिब्बत प्रशासन ने खास तौर से चीन के खाम इलाके के डिगे में ड्रिचू (यांगत्से) नदी पर बनाए जा रहे बांध के विरोध का जिक्र किया था. स्थानीय तिब्बती लोग इस बांध को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. क्योंकि इस डैम के बनने से स्थानीय लोग तो निर्वासित होंगे ही यहां पर बनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के बौद्ध-मठों पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. लेकिन चीन की सरकार ने सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था (तिब्बत में Xi के डैम के खिलाफ विद्रोह (TFA Exclusive)). तिब्बत प्रशासन ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया था.   

चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने धर्मशाला स्थित तिब्बत प्रशासन के बयान को “अलगाव पैदा करने वाला बताकर कहा कि वो विफल हो जाएगा.” इसी दौरान प्रवक्ता ने तिब्बत को ‘शिज़ांग’ कहकर संबोधित किया. प्रवक्ता ने कहा कि “शिज़ांग प्राचीन काल से चीन का अभिन्न अंग है. आज शिज़ांग आर्थिक विकास, सामाजिक स्थिरता, जातीय एकजुटता, धार्मिक सद्भाव, सांस्कृतिक जीवन शक्ति, अच्छी तरह से संरक्षित पारिस्थितिकी पर्यावरण और जीवन-स्तर में सुधार का आनंद मिल रहा है.” उन्होंने कहा कि आज शिज़ांग स्वायत्त क्षेत्र के लोग पूरी तरह से चीन की नीतियों का समर्थन करते हैं.

वांग शिओजियान ने मीडिया और कुछ देशों को शिज़ांग के बहाने चीन के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी को लेकर भी आलोचना की और कहां कि तिब्बत की स्वतंत्रता और चीन विरोधी गतिविधियों का समर्थन ना करें. 

दरअसल, रविवार को टीएफए चैनल ने केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के प्रवक्ता तेनजिन लिकसे का इंटरव्यू किया था जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि किस तरह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के लोग चीन की नीतियों से त्रस्त हैं और किस तरह सीसीपी सरकार धर्म को राजनीति के तौर पर इस्तेमाल कर रही है (https://www.youtube.com/live/L_2JSvpYanI?si=GbzPrbKqIlyAnTUX).

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