भारत के साथ सहयोग और रणनीतिक विश्वास बढ़ाने के लिए चीन तैयार हो गया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने सार्वजनिक तौर से ये पात कबूल की है. चीन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील में चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की है.
एलएसी पर पिछले चार साल से भारत-चीन में बढ़े तनाव को कम करने पर बनी सहमति के बाद अब भारत के साथ संबंध सुधारना चाहता है चीन. भारत के साथ संबंधों को लेकर चीन की ओर से बड़ा बयान आया है.
बयान ये कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई अहम मुद्दों पर बनी सहमति को चीन लागू करने के लिए तैयार है. चीन की ओर से आया ये बयान एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है.
सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन, बातचीत और सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक विश्वास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. गौरतलब है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स की बैठक से अलग द्विपक्षीय वार्ता हुई थी, जिसमें भारत के साथ संबंधों को लेकर अहम चर्चा की गई थी.
भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है चीन
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान से जी 20 की बैठक को लेकर सवाल किया गया था कि क्या ब्राजील में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. इस सवाल के जवाब में लिन जियान ने कहा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कजान में हाल ही में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच अहम मुद्दों पर बनी आम सहमति को लागू करने, संवाद एवं सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.”
अक्टूबर में पीएम मोदी-जिनपिंग में हुई 50 मिनट बात
रूस के कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी. ये बैठक तकरीबन 50 मिनट की थी. दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच ये मीटिंग ऐसे वक्त में हुई थी जब गलवान में हुई झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध बिलकुल निचले स्तर पर थे. इस बैठक में दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने की चर्चा की थी. साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने और पेट्रोलिंग को लेकर सहमति पर मुहर लगाई गई थी. हालांकि इस सहमति को पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के पहले ही अनाउंस कर दिया गया था.
पीएम मोदी-जिनपिंग ने क्या कहा था
बेहद ही अहम द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने चीन के साथ मतभेदों को सही तरीके से निपटाने और भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता पर जोर दिया था.
पीएम मोदी ने साफ तौर पर कहा था कि आपसी विश्वास और एक दूसरे की संप्रभुता को सम्मान देना चाहिए. तो वहीं चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस ने कहा था कि भारत और चीन के संबंध इस बात पर निर्भर हैं कि दोनों देश एकदूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. दोनों देशों को एक दूसरे के प्रति सही सोच और धारणा रखनी चाहिए. विकास के लिए सही रास्ते तलाशने की दिशा में काम करना चाहिए.
अब एक बार फिर से चीन के विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि चीन भारत के साथ मिलकर काम करेगा.
जयशंकर फिर मिले चीनी विदेश मंत्री से
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में चल रही जी-20 समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की.
मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि चीनी विदेश मंत्री से भारत-चीन सीमा पर हुए डिसएंगेजमेंट पर चर्चा की. साथ ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आगे क्या कदम उठाए जाएं, इस पर भी बात हुई.