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चीन का Stealth फाइटर जेट J-35A तैयार, भारत को लगेंगे दस साल

भारत के स्टेल्थ फाइटर जेट को बनने में जहां एक दशक से ज्यादा का समय लग सकता है, चीन ने अपने दूसरा फीफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट दुनिया के सामने लाने की तैयारी कर ली है. अगले हफ्ते शुरू हो रहे ज़ुहाई एयर शो (12-17 नवंबर) में चीन अपने ‘जे-35ए’ स्टील्थ फाइटर जेट को आधिकारिक तौर से पेश करने जा रहा है.

चीन अपने जे-35 को अमेरिका के एफ-35 के मुकाबले मैदान में उतारना चाहता है. हाल ही में रूस का नया सु-57 स्टेल्थ (स्टील्थ) फाइटर जेट भी चीन पहुंचा था. सु-57 भी ज़ुहाई एयर शो में हिस्सा ले रहा है.

ज़ुहाई एयर शो से पहले जे-35 की आसमान में उड़ान भरते हुए तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर चीन ने पाकिस्तान जैसे देशों को एक्सपोर्ट करने की मंशा भी जाहिर कर दी है. माना जा रहा है कि जे-35ए को चीन, मित्र-देशों को निर्यात भी करेगा. (https://x.com/globaltimesnews/status/1854725031815004431)

चीन की वायुसेना के पास पिछले कुछ सालों से जे-20 चेंगदू स्टेल्थ फाइटर जेट भी है. हालांकि, इसके बारे में कम ही जानकारी चीन की पीएलए सेना सार्वजनिक करती है. मिलिट्री-टेक के जानकारों के मुताबिक, जे-20 की स्टेल्थ क्षमताओं पर सवाल खड़ा करने के बाद से चीन ने इसकी तैनाती कम कर दी है. हालांकि, शुक्रवार को सु-57 और जे-20 के एक साथ टैक्सी करती हुए तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई. माना जा रहा है कि जे-20 भी ज़ुहाई एयर शो में हिस्सा ले रहा है. (https://x.com/globaltimesnews/status/1854771502115364907)

कुछ साल पहले अरुणाचल प्रदेश से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब फ्लाई करने के दौरान भारतीय वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट ने जे-20 को ‘डिटेक्ट’ कर लिया था. उसी के बाद से जे-20 की स्टेल्थ क्षमताओं पर सवाल खड़े हुए थे.

माना जा रहा है कि जे-20 की क्षमताओं पर उठने वाले सवालों के बाद ही चीन ने जे-35ए ‘शेनयांग’ को तैयार किया है. चीन का दावा है कि जे-35ए एक टू-इन इंजन, ऑल वेदर (सभी मौसम में उड़ान भरने वाला) एयरक्राफ्ट है जिसे शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने तैयार किया है.

चीन ने जे-35ए के दो वर्जन तैयार किए हैं. वायुसेना के लिए जे-35ए और नौसेना के लिए जे-35. चीन अपने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर पर जे-35 को तैनात करने की तैयारी कर रहा है.

गौरतलब है कि भारत के स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट के उत्पादन में दस साल से भी ज्यादा का समय लग सकता है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्ल लिमिटेड (एचएएल) इनदिनों पांचवी पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट एमका पर काम कर रही है. भारत ने इसे एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका) नाम दिया है.

एविएशन इंजन की कमी से जूझ रहे भारत के लिए स्वदेशी एलसीए तेजस के उन्नत वर्जन (मार्क1ए और मार्क-2) के उत्पादन भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि एमका का उत्पादन वर्ष 2035 से पहले थोड़ा मुश्किल लग रहा है.

यही वजह है कि पिछले महीने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि भारत, मिलिट्री टेक्नोलॉजी के मामले में चीन से काफी पीछे है.  (एलसीए Mk-2 की नई टाइमलाइन जानिए !)

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