अमेरिका के साथ चल रही टैरिफ वॉर के बीच भारत के साथ संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहा है ड्रैगन. व्यापार, पर्यटन के साथ-साथ बाकी के क्षेत्रों में भी चीन की कोशिश है कि भारत के साथ पटरी पर लौट रहे रिश्तों को और मजबूत बनाया जाए. इसी कोशिश की कड़ी में चीन ने पिछले सप्ताह 85000 भारतीयों के लिए वीजा जारी किया है, साथ ही भारतीयों को लुभाने के लिए नियमों में भी नरमी बरती है. भारतीय
आवेदक बिना किसी पूर्व ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के कार्य दिवसों में सीधे वीजा केंद्र पर आवेदन जमा कर सकते हैं. बायोमैट्रिक सिस्टम से भी छूट दे दी है.
चीन में भारतीय खुले, सुरक्षित, वाइब्रेंट महसूस करेंगे- चीनी राजदूत
भारत में चीन के राजदूत शू फेहोंग ने बताया कि “इस साल 9 अप्रैल 2025 तक चीनी दूतावास ने भारतीय नागरिकों को 85 हजार से ज्यादा वीजा जारी किए हैं. चीन में और भारतीय दोस्तों का स्वागत करेंगे ताकि वे चीन में खुले, सुरक्षित, वाइब्रेंट और मित्रवत माहौल का अनुभव कर सकें,”
भारत और चीन के संबंधों को सुधारने के लिए दोनों ही देशों की सरकारें जोर लगा रही हैं. हाल ही में मानसरोवर यात्रा शुरु करने पर सहमति बनी है तो अब चीन ने भारतीय नागरिकों के लिए कई छूट शुरू की हैं, जिनके तहत भारतीय आवेदक बिना किसी पूर्व ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के कार्य दिवसों में सीधे वीजा केंद्र पर आवेदन जमा कर सकते हैं. साथ ही थोड़े समय के लिए चीन की यात्रा करने वाले नागरिकों को बायोमेट्रिक डेटा देने से भी छूट दी गई है. चीन ने वीजा फी को भी कम कर दिया गया है. चीन भारतीय पर्यटकों को भी लुभाने की पूरी कोशिश कर रहा है.
अमेरिका के खिलाफ भारत का साथ चाहता है चीन
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प के चार साल बाद रिश्ते सुधरने शुरु हुए हैं. भारत और चीन लगातार संपर्क में हैं और तनाव बहुत हद तक कम भी हो चुका है. कुछ और कूटनीतिक मुद्दें हैं जिसपर सहमति बनाई जा रही है. चीन को भी इस बात का अहसास है कि पिछले 11 सालों में भारत सशक्त और आत्मनिर्भर भारत बनकर उभरा है. ऐसे में भारत की अहमियत को चीन भी समझने लगा है. वहीं अमेरिकी ने भी चीन की हालत खस्ता कर रखी है, तो चीन भी पूरे जी जान से अमेरिका को टक्कर दे रहा है. ऐसे में चीन चाहता है कि भारत, उसके पाले में आ जाए, हाल ही में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने ने भी कहा है कि “भारत और चीन के व्यापारिक संबंध पूरकता औऱ पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं. अमेरिका के टैरिफ के दुरुपयोग का सामना करने के लिए दो विकासशील देशों को साथ खड़ा होना चाहिए.