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भारत-मालदीव की दोस्ती चीन को अखरी, वांग यी माले में

मालदीव ने भारत से दोस्ती करके चीन के इरादों पर पानी फेरा तो चीन ने अपने विदेश मंत्री वांग यी को मालदीव के लिए रवाना कर दिया.

मालदीव के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने बैक-टू-बैक भारत का दौरा किया तो लेकिन अब चीन के विदेश मंत्री वांग यी पहुंच गए हैं मालदीव. चीन की चिंता साफ दिख रही है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने माले में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की और द्विपक्षीय समझौतों पर चर्चा की. वांग यी का ये दौरा मालदीव के रक्षा मंत्री के भारत दौरे के बाद हुआ है. 

अचानक मालदीव पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी

अफ्रीका देशों की यात्रा पर निकले चीन के विदेश मंत्री वांग यी अचानक मालदीव की राजधानी माले रुक गए. चीनी विदेश मंत्री ऐसे समय में माले पहुंचे हैं, जब 10 जनवरी (शुक्रवार) को मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून की भारत यात्रा खत्म हुई है. पिछले साल राष्ट्रपति बनने के कुछ महीनों बाद मुइज्जू ने चीन का दौरा किया था. उसके बाद यह पहली बार है जब किसी बड़े चीनी अधिकारी ने मालदीव का दौरा किया हो. (मालदीव ‘ग्राउंडेड’, नहीं मिल रहा कोई पायलट)

चीन-मालदीव के बीच किन मुद्दों पर हुई बात

वांग यी के साथ बैठक में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन के साथ हुए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और अन्य समझौतों को तेजी से लागू करने पर जोर दिया. वांग ने मुइज्जू की चीन यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया. वांग के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मुइज्जू ने दोनों देशों के बीच समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के महत्व पर बल दिया. वांग यी ने कहा-“मुइज्जू की चीन की सफल राजकीय यात्रा चीन-मालदीव संबंधों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी.” (पड़ोसी से निकटता में समझदारी, मालदीव को जयशंकर की नसीहत)

चीन से हुआ मुइज्जू का मोहभंग, भारत से बढ़ाई नजदीकी

मोहम्मद मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता है पर गद्दी संभालने के कुछ महीने बाद ही मुइज्जू का चीन से मोहभंग हो गया था. जिसके बाद पिछले साल अक्टूबर महीने में मुइज्जू द्विपक्षीय वार्ता के लिए भारत आए थे और फिर उसके बाद मालदीव के मंत्रियों का भारत आने का तांता सा लग गया. मुइज्जू के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने भारत का दौरा किया. रक्षा मंत्री मौमून तो शुक्रवार तक भारत में मौजूद थे.मालदीव में विदेशी मुद्रा संकट के बाद भारत ने मालदीव को सहायता और वित्तीय सहायता भी बढ़ा दी है. भारत के साथ बढ़ती नजदीकी, कहीं न कहीं चीन को अखर रही है. माना जा रहा है कि इसलिए चीन के विदेश मंत्री ने मालदीव का दौरा किया है. (मालदीव फिर रहा ताक, मुइज्जू ने कभी निकाला था भारतीय सैनिकों को)

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