चीनी हैकर्स ‘सॉल्ट टाइफून’ की चर्चा अभी चल ही रही थी कि अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने चीन के साइबर अटैक की शिकायत की है. खबर है कि चीनी हैकर्स ने अमेरिका के ट्रेजरी विभाग (वित्त मंंत्रालय) के दस्तावेजों में सेंध लगा दी है.
अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के मुताबिक, चीन सरकार के प्रायोजित हैकर्स ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के कंप्यूटर्स का एक्सेस हासिल कर लिया और कुछ जरूरी दस्तावेजों को चुरा लिया. ट्रेजर विभाग के मुताबिक, फाइल्स का एक्सेस चीन की सरकार द्वारा प्रायोजित एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेड (एपीटी) हैकर ने किया है.
चीनी हैकर्स ने चुराए अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के दस्तावेज
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने अमेरिकी कांग्रेस सांसदों को पत्र लिखकर बताया है कि चाइनीज़ हैकर्स (एपीटी) ने थर्ड पार्टी के साइबर सिक्योरिटी सर्विस प्रोवाइडर बियॉन्डट्रस्ट से छेड़छाड़ किया और नॉन-क्लासीफाइड दस्तावेजों तक पहुंचने में सफलता हासिल की. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में प्रबंधन की सहायक सचिव अदिति हार्दिकर ने कहा, “उपलब्ध संकेतों के आधार पर, इस घटना को चीन की सरकार द्वारा प्रायोजित एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेड (एपीटी) ने अंजाम दिया है.”
एफबीआई कर रही है मामले की जांच
ट्रेजरी विभाग को साइबर अटैक की जानकारी मिलते ही सीआईएसए यानी सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी एलर्ट हो गई है. वहीं सुरक्षा सेंध के पुख्ता सबूत मिलते ही एफबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों को भी जल्द से जल्द इसकी सूचना दे दी गई थी. बताया जा रहा है कि बियॉन्डट्रस्ट ने 8 दिसंबर को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग को सुरक्षा में सेंध के बारे में जानकारी दी.
अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी (सीआईएसए) और एफबीआई के मिलकर हैकर्स की जानकारी हासिल की गई. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक हैक की गई सर्विस को ऑफलाइन कर दिया गया है.
अमेरिकी लोगों के कॉल सुन रहा चीन: डिप्टी एनएसए
पिछले सप्ताह ही उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर के दावे ने अमेरिका में सनसनी फैला दी थी कि “चीनी हमले से प्रभावित नौवीं दूरसंचार कंपनी का पता लगा है. इससे पहले भी बाइडेन प्रशासन, चीनी जासूसी का खुलासा कर चुकी है.
बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने इसी महीने कहा था कि कम से कम आठ दूरसंचार कंपनियां और दर्जनों देश ‘साल्ट टाइफून’ के नाम से जाने जाने वाले चीनी हैकिंग हमले से प्रभावित हुए हैं. एफबीआई की जांच में ये खुलासा हुआ है कि चीन ने कई राजनेताओं और बड़ी हस्तियों के पर्सनल चैट्स और कॉल को सुना है. हैकर्स ने दूरसंचार कंपनियों के नेटवर्क में सेंध लगाई और ग्राहकों के कॉल रिकॉर्ड हासिल किए और सीमित संख्या में लोगों के निजी बातचीत को बीजिंग में बैठकर सुना है.