मालदीव में लगातार भारत विरोधी और चीन के एजेंडे पर हो रहा है काम. चीन समर्थित मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनते ही चीन के जासूसी जहाज को मालदीव में आने की इजाजत दे दी गई है. ये वही जियांग यांग होंग-03 जासूसी जहाज है, जिस पर भारत ने एतराज जताया था. चीन का समुद्री कथित रिसर्च वाला जहाज जियांग यांग होंग-03 मालदीव वापस लौट आया है. कहा जा रहा है कि गुरुवार सुबह चीनी जहाज थिलाफुशी औद्योगिक द्वीप के बंदरगाह पर खड़ा किया गया था. मालदीव की मुइज्जू सरकार ने जहाज को डॉक करने की अनुमति की पुष्टि की है लेकिन इसकी वापसी की वजह का खुलासा नहीं किया है.
फिर मालदीव पहुंचा चीन का जासूसी जहाज
एक बार फिर से चीनी समुद्री पोत जियांग यांग होंग-03 को मालदीव में एंट्री दे दी गई. रिसर्च के नाम पर जासूसी करने वाले चीनी जहाज पर भारत ने चिंता जताई थी, लेकिन मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने भारत की मांग को धता बताते हुए चीनी पोत को वापस अपने क्षेत्र में रुकने की इजाजत दे दी है. मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सीमा के पास लगभग एक महीना बिताने के बाद जहाज पहली बार 22 फरवरी को मालदीव की राजधानी माले पहुंचा था. छह दिन बाद जहाज वापस ईईजेड सीमा पर चला गया. जहाज अब ईईजेड को पार करने के बाद वापस मालदीव आ गया है. जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 इस साल जनवरी से ही मालदीव के अंदर या उसके आसपास सक्रिय है. ये जहाज फरवरी के महीने में मालदीव पहुंचा था और कई दिनों तक मालदीव में रुका था.
रिसर्च जहाज है ‘जियांग यांग होंग 3’
चीन के 4300 टन वजनी जासूसी जहाज को एक ‘रिसर्च’ जहाज के तौर पर क्लासीफाइ किया गया है. चीन का जहाज हिंद महासागर के तल की मैपिंग कर रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मैपिंग चीन को सबमरीन और सबमर्सिबल ड्रोन का उपयोग करके पानी में नेविगेट करने में भी सक्षम बनाती है. इसके अलावा रिसर्च पर पानी के नीचे भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं. ओपन स्रोस इंटेलिजेंस के मुताबिक, चीन के इस जहाज ने 2019 और 2020 के बीच यहां के पानी का सर्वे किया था.
रिचर्स के नाम पर चीन की जासूसी: भारत
भारत पहले भी कई बार ये आशंका जता चुका है कि रिसर्च के नाम पर चीन हिंद महासागर में पैठ बनाने की फिराक में है. रिसर्च के नाम पर चीन जासूसी करता है. भारतीय नेवी नजर रखता है. भारत के इसी विरोध के बाद श्रीलंका ने चीनी जहाज को श्रीलंका के बंदरगाह पर रुकने की इजाजत नहीं दी है. पर मालदीव से भारत की तल्खी के बाद चीन-मालदीव के साथ पींगे बढ़ा रहा है.
फरवरी के बाद एक बार फिर से मालदीव पहुंचे चीनी जहाज को लेकर भारतीय नौसेना अलर्ट है. हिंद महासागर में चीन इसलिए भी दखलअंदाजी कर रहा है क्योंकि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने समुद्री रक्षा मंच क्वाड बनाया है. इस सुरक्षा मंच को चीन बौखला गया है और मंच को चीन अपने लिए खतरा मानता है. सवाल ये है कि एक बार फिर से जहाज को क्यों लाया गया है? क्या इसके पीछे चीन की कोई साजिश है?
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