गुरुवार का दिन अहमदाबाद के लिए काला दिन साबित हुआ. अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान महज 9 मिनट में क्रैश हो गया. विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा. गिरते ही विमान में आग लग गई. हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक शख्स को गंभीर अवस्था में बचा लिया गया है. वहीं जिस हॉस्टल पर प्लेन गिरा, उस हादसे में 20 छात्रों की मौत हो गई है. प्लेन हादसे में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी का भी निधन हो गया है.
विमान टेक ऑफ होते ही हादसे का शिकार हुआ
12 जून की दोपहर बेहद ही मनहूस साबित हुई. अहमदाबाद से लंदन के लिए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने उड़ान भरी. उड़ान भरते ही चंद सेकेंड में विमान ऊंचाई पर लड़खड़ाने लगा. देखते ही देखते विमान 625 फीट की ऊंचाई पर विमान क्रैश हो गया है. विमान गिरते ही भयंकर आग लग गई.
हादसे के वक्त विमान में 242 यात्री सवार थे, जिनमें 2 पायलट और 19 क्रू मेंबर शामिल थे. यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक हैं, 53 ब्रिटिश नागरिक हैं, 1 कनाडाई नागरिक और 7 पुर्तगाली नागरिक हैं.
विमान ने दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से उड़ान भरके अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचा था. ये कनेक्टिंग फ्लाइट थी, जिसे अहमदाबाद के कुछ यात्रियों को उतारना था और कुछ नए यात्रियों को विमान में सवार होना था.
विमान एक हॉस्टल पर गिरा, 20 छात्रों की मौत, कई घायल
विमान हादसा अहमदाबाद हॉर्स कैंप के पास हुआ है, जो कि सिविल हॉस्पिटल के पास है. विमान अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिरा. जिस वक्त हादसा हुआ हॉस्टल में छात्र लंच कर रहे थे. हॉस्टल की बिल्डिंग पूरी तरह से टूट गई.
छात्रों में चीखपुकार मच गई. करीब 20 मेडिकल छात्रों की मौत हो गई और कई घायल हुए. हादसे के वक्त कई छात्रों ने बिल्डिंग से छलांग लगा दी, तो कई छात्र भाग कर नीचे पहुंचे. दहशत का आलम ये था कि हर ओर अफरातफरी मच गई.
प्लेन हादसे में एक यात्री जीवित, चमत्कार से कम नहीं
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में एक यात्री सकुशल बचा है. हादसे के वक्त घटनास्थल पर खुद टहलते हुए एंबुलेंस तक पहुंचा. 242 यात्रियों में से जिंदा बचे शख्स का नाम रमेश विश्वास कुमार है. रमेश विश्वास कुमार सीट नंबर 11 पर बैठे थे. रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि हादसा जैसे ही हुआ वो नीचे कूद गए थे.
एयरफोर्स-आर्मी-एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं
हादसे के बाद एयरफोर्स, आर्मी, और एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है. तकरीबन 50 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं विमान के मलबों से जले हुए शवों को निकाला गया है. शवों की हालत इतनी खराब है कि डीएनए टेस्ट के बाद पहचान की जाएगी. हादसे की खबर मिलते ही गमगीन परिवारजन एयरपोर्ट पहुंचे. हर कोई प्रशासन से यही सवाल पूछ रहा था कि हादसा कैसे हुआ.
उड़ान भरते ही क्रू मेंबर ने दिया सिग्नल, नहीं मिला बचने का मौका
बताया जा रहा है कि जैसे ही विमान ने उड़ान भरी थी. क्रू मेंबर ने सिग्नल दिया था. एटीसी को मेडे कॉल दी थी. पायलट ने तीन बार मेडे, मेडे, मेडे कहा था. लेकिन इसके बाद विमान की ओर से एटीसी को कोई सिग्नल नहीं दिया गया. उड़ान के कुछ मिनट बाद ही विमान क्रैश हो गया.
मेडे कॉल इमरजेंसी कॉल होता है. जब विमान बेहद मुश्किल स्थिति में फंस जाता है. ऐसा संकट जब यात्रियों या क्रू की जान को खतरा हो, तब एटीसी को सूचना दी जाती है. इस संकट में विमान का इंजन फेल होना, विमान में आग लगना, हवा में टकराव, या हाईजैक जैसी स्थिति शामिल होती है.
मृतकों के परिवारवालों को 1 करोड़ के मुआवजे का ऐलान
इस दुखद घड़ी में टाटा ग्रुप ने एक संवेदनशील और मानवीय पहल करते हुए पीड़ितों के परिवारों की मदद के लिए बड़ी घोषणा की है. टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखर ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि टाटा ग्रुप इस त्रासदी में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रू की सहायता राशि देगा.
एन चंद्रशेखर ने कहा, “हम एअर इंडिया फ्लाइट 171 से जुड़ी इस दुखद घटना से गहरे दुखी हैं. इस क्षण की पीड़ा को शब्दों में बयां कर पाना असंभव है. हमारी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है और उन लोगों के साथ भी हैं जो घायल हुए हैं.”