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खबरें फटाफट: जानना जरूरी है!

  • श्रीलंकाई क्रिकेटर्स से पीएम मोदी ने की मुलाकात, दिया हर सवाल का जवाब

कोलंबो दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 1996 में वर्ल्डकप जीतने वाली श्रीलंका की क्रिकेट टीम से मुलाकात की है. पीएम मोदी ने सनथ जयसूर्या, चामिंडा वास, अरविंद डी सिल्वा, मार्वन अटापट्टू और दूसरे श्रीलंकाई क्रिकेटर्स के साथ अपने चिर परिचित अंदाज में बातचीत की. इस मुलाकात को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “1996 में वर्ल्डकप जीतने वाली श्रीलंका की क्रिकेट टीम के सदस्यों से मिलकर बेहद खुशी हुई. ये वही टीम है जिसने न सिर्फ ट्रॉफी जीती, बल्कि  दुनियाभर के करोड़ों खेलप्रेमियों की कल्पना को जीवंत कर दिया.

  • पीएम मोदी के जबरा फैन हुए श्रीलंकाई क्रिकेटर्स, कहा, “संकट के वक्त मोदी हमेशा साथ रहे”

पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद श्रीलंकाई क्रिकेटर्स ने तारीफ की. सनथ जयसूर्या ने कहा, “पीएम मोदी से मिलना एक शानदार अनुभव था. उन्होंने बहुत अच्छे से बताया कि कैसे उन्होंने एक राष्ट्र के रूप में भारत का विकास किया.” श्रीलंकाई क्रिकेटर के. रमेश कालूविथाराना ने कहा कि “जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, उन्होंने बहुत सी चीजें बदल दी हैं. उन्होंने श्रीलंका के लिए बहुत कुछ किया है.संकट के समय में भारत हमेशा हमारे साथ रहा है.” श्रीलंकाई क्रिकेटर अरविंद डी सिल्वा ने कहा कि “पीएम मोदी दुनियाभर में एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उन्होंने भारत के लिए बहुत कुछ किया है. इतने बड़े देश में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. हमारे देश पर उनका प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होगा. हम सभी ने पीएम मोदी से बातचीत का आनंद लिया.”

  • म्यांमार की मदद के लिए अमीर देश सामने आए, सैन्य शासन के कारण अमेरिका को हो रही मदद में दिक्कत: मार्को रूबियो

म्यांमार में भूकंप से हुई तबाही के बाद अमेरिका मदद के लिए तैयार. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बयान देते हुए कहा, अमेरिका अपनी तरफ से मदद करेगा, लेकिन दूसरे अमीर देशों को भी मदद के लिए भूमिका निभानी चाहिए. अमेरिका अन्य देशों से यह उम्मीद करता है कि वे भी मानवीय सहायता में योगदान दें, क्योंकि अमेरिका के पास अपनी कई अन्य प्राथमिकताएं भी हैं जिन्हें संतुलित करना जरूरी है. मार्को रूबियो बोले, म्यांमार में सैन्य शासन होने के कारण अमेरिका को वहां मदद पहुंचाने में कुछ कठिनाई हो रही है. म्यांमार को मदद पहुंचाना हमारे लिए आसान नहीं है, क्योंकि वहां का सैन्य शासन हमें जिस तरह से काम करना चाहते हैं, वैसा करने की अनुमति नहीं देता.

  • म्यांमार में भारत का ऑपरेशन ब्रह्मा जारी, 442 मीट्रिक टन खाद्य सहायता थिलावा बंदरगाह पहुंची

भारत ने शनिवार को भूकंप प्रभावित म्यांमार के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में थिलावा बंदरगाह पर यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री को अपने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत खाद्य सहायता की एक बड़ी खेप पहुंचाई. शनिवार को 442 मीट्रिक टन खाद्य सहायता म्यांमार से लगभग 400 किलोमीटर दक्षिण में थिलावा बंदरगाह पर एक नौसैनिक जहाज के माध्यम से पहुंचाई गई.

भारत ने विनाशकारी भूकंप के बाद खोज और बचाव, मानवीय सहायता, आपदा राहत और चिकित्सा सहायता सहित आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है. म्यांमार में आए भूकंप में 3000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.

  • सशस्त्र बलों की भूमिका को फिर से परिभाषित करना आवश्यक: राजनाथ सिंह

एशिया के सबसे बड़े नेवल बेस कारवार (कर्नाटक) में आयोजित भारतीय नौसेना के कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (5-7 अप्रैल) को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि “वर्तमान अप्रत्याशित भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच सशस्त्र बलों की भावी भूमिकाओं को फिर से परिभाषित करना आवश्यक है.” वैश्विक विशेषज्ञों की मान्यता का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि “21वीं सदी एशिया की सदी है और भारत की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया के लिए एक केंद्रबिंदु बन गया है.”

  • चीन करेगा कंबोडिया के नए बेस का सीक्रेट इस्तेमाल, अमेरिका ने जताई आशंका

कंबोडिया में बनाए गए मुख्य नेवी बेस को लेकर अमेरिका ने संदेह जताया. शनिवार को कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने मुख्य नौसेना बेस के विस्तार के उद्घाटन की अध्यक्षता की थी. ट्रंप सरकार को आशंका है कि कंबोडियाई नेवी बेस का इस्तेमाल चीन रणनीतिक चौकी के तौर पर कर सकता है. थाईलैंड की खाड़ी में दक्षिणी कंबोडिया में रीम नौसेना बेस का निर्माण कार्य पूरा हुआ है. दरअसल चीन, कंबोडियाई की करीबी सहयोगी है और कंबोडिया में अच्छा खासा निवेश किया हुआ है. ऐसे में वाशिंगटन का मानना है कि  बीजिंग को बेस का उपयोग करने के लिए कंबोडिया ने सीक्रेट तरीके से परमिशन दे रखी है. लेकिन कंबोडिया ने सारे आरोपों को नकारा है.

  • अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीन अपग्रेड कर रहा एयरबेस, सेटेलाइट इमेज ने बढ़ाई भारत की चिंता

अरुणाचल प्रदेश में भारत से सटी सीमा के करीब चीन एक बार फिर से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में जुटा. हाल की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन तवांग से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर स्थित लहुंजे एयरबेस को विकसित कर रहा है, इसमें नए शेल्टर, हैंगर और एप्रन को अपग्रेड करने का काम चल रहा है. अपग्रेड करने के बाद यहां से भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, कई तरह के लड़ाकू विमानों और ड्रोन को आसानी से ऑपरेट किया जा सकेगा. सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए ये क्षेत्र बेहद अहम है. 

  • टैरिफ वार पर चीन-अमेरिका में जुबानी जंग

अमेरिका और चीन में टैरिफ वार के बीच जुबानी जंग तेज हुई. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “अमेरिका को चीन की अर्थव्यस्था और व्यापार को दबाने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल हथियार के तौर पर कर रहा है. अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए दृढ़ कदम उठाना जारी रखेंगे.” चीन के बयान पर डोनाल्ड ट्रंप ने पलटवार किया, कहा “अमेरिका वैश्विक व्यापार में मूर्ख और असहाय कोड़े मारने वाला स्तंभ बनकर रह गया था. चीन को अमेरिका की तुलना में कहीं ज़्यादा नुकसान हुआ है. चीन और कई अन्य देशों ने हमारे साथ असहनीय रूप से बुरा व्यवहार किया है. हम मूक और असहाय कोड़े मारने वाला स्तंभ रहे हैं, लेकिन अब और नहीं. मेरा प्रशासन वर्षों से चली आ रही आर्थिक गिरावट को उलट रहा है.”

  • सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप-नेतन्याहू के बीच दूसरी बैठक

गाजा में नए ऑपरेशन को लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक बार फिर से मुलाकात होगी. व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है कि सोमवार को इजरायली प्रधानमंत्री और ट्रंप के बीच मुलाकात होगी. ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद व्हाइट हाउस में यह उनकी दूसरी बैठक होगी. माना जा रहा है टैरिफ और फिलिस्तीनी लोगों को दूसरी जगह बसाने को लेकर समीक्षा की जाएगी. साथ ही बंधकों और गाजा में शुरु किए गए ऑपरेशन को लेकर नेतन्याहू और ट्रंप के बीच बातचीत की जाएगी. 

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