बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश का एक और नफरती चेहरा सामने आया है. जिस इस्कॉन संगठन की कृष्ण भक्ति को दुनिया भर में प्रचार प्रसार के लिए जाना जाता है, आपदा के समय लोगों की मदद करता है, बांग्लादेश सरकार उस इस्कॉन को कट्टरपंथी संगठन मान रहा है. बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध की मांग हो रही है.
वहीं पिछले 24 घंटे में बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंदुओं पर हमले होने शुरु हो गए हैं. उपद्रवियों को हिंदुओं और उनके घरों, दुकानों प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले करने की खुली दे दी गई है. इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने भी हमले का एक वीडियो शेयर किया है और जिसमें उन्होंने लिखा है कि “24 घंटे हिंदुओं और उनसे जुड़े प्रतीकों पर हमले हो रहे हैं, इसे कौन रोकेगा?”
बांग्लादेश में इस्कॉन को बैन लगाने की मांग
बांग्लादेश में बुधवार को हाईकोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर करते हुए इस्कॉन पर बैन की मांग की है. चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद मचे बवाल और हिंसा का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट में जस्टिस फराह महबूब की बेंच के सामने एक वकील ने याचिका दायर की है. वकील ने हाईकोर्ट से मांग की है कि इस्कॉन पर बैन लगाया जाए. अदालत ने बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल से इस्कॉन के बारे में जानकारी मांगी और पूछा कि बांग्लादेश में इसकी स्थापना कैसे हुई? इसपर अटॉर्नी जनरल ने जो कुछ भी कहा वो हैरान कर देने वाला है.
इस्कॉन एक कट्टरपंथी संगठन है: अटॉर्नी जनरल
अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का पक्ष रखते अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने कहा, “आम जनता की तरह मेरा दिल भी रो रहा है. इस्कॉन कोई राजनीतिक दल नहीं है, एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन है और अंतरिम सरकार ने इस्कॉन के खिलाफ छानबीन करनी शुरू की है. हाईकोर्ट में इस्कॉन को कट्टरपंथी बताए जाने पर हिंदुओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा है कि “बिना सबूत किसी संगठन पर इस तरह के आरोप लगाना बेहद दुखद है.”
बांग्लादेश में इस्कॉन गुरु की गिरफ्तारी के बाद हिंसा क्यों?
मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास को चटगांव की कोर्ट में पेश किया गया था. जहां जमानत याचिका खारिज होने के बाद सैकड़ों समर्थकों ने कोर्ट पहुंच गए. चिन्मय दास को जेल ले जाने वाले वाहन को समर्थकों ने करीब 2 से ढाई घंटे सड़क पर रोक दिया. इस दौरान समर्थकों और पुलिस में झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए साउंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. इस दौरान सरकारी वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत के बाद मामला और बिगड़ गया. चिन्मय दास जेल में हैं पर हिंदुओं पर हमले जारी हैं.
गिरफ्तारी को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी चिंता जाहिर की है. विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. पर बांग्लादेश ने विदेश मंत्रालय को अपने जवाब में कहा है कि चिन्मय दास को गंभीर राजद्रोह के केस में गिरफ्तार किया गया है.