ढाका में बांग्लादेश सचिवालय में लगी भीषण आग में अवामी लीग की सरकार के भ्रष्टाचार से जुड़े कागजात जलकर खाक हो गए हैं. ये आरोप लगाया है अंतरिम सरकार के मंत्री आसिफ महमूद का.
बांग्लादेश के सचिवालय की एक प्रमुख इमारत, जहां कई मंत्रालय स्थित हैं, वहां भीषण आग लग गई थी. आग इतनी भीषण थी कि कई अहम सरकारी दस्तावेज जलकर खाक हो गए. बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक, आग की सामान्य घटना नहीं है, आग को जानबूझकर कर साजिशन लगाया गया था.
आग पर काबू पाने में छह घंटे से ज्यादा का समय लग गया, तब तक कई अहम दस्तावेज पूरी तरह से जल गए. दावा किया जा रहा है कि जिन कागजों को नुकसान पहुंचा है वो शेख हसीना, उनकी पार्टी और उनकी सरकार से जुड़े थे.
ढाका सचिवालय में आग हादसा नहीं, इरादतन: अधिकारी
मोहम्मद यूनुस की सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद सजीब भुइयां का दावा है कि जिन दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है, उनमें आवामी लीग की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले कागजात और सबूत शामिल हैं.
आसिफ महमूद ने कहा, “षड्यंत्रकारियों ने अपनी गतिविधियां बंद नहीं की हैं, जिन दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है, उनमें आवामी लीग शासन के दौरान हुए लाखों डॉलर के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले कागजात और सबूत शामिल हैं. अगर कोई भी हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में मिला हुआ पाया गया तो उसे बचने का जरा सा भी मौका नहीं दिया जाएगा.”
शेख हसीना पर लगा पांच अरब डॉलर के भ्रष्टाचार का आरोप
अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद भुइयां ने ये नहीं बताया कि वो कौन से भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं. पर हाल ही में शेख हसीना पर पांच अरब डॉलर (करीब 42 हजार करोड़) के करप्शन का आरोप लगाया गया है. ये मामला रूपपुर पावर प्लांट से जुड़ा है. आग लगने की वजह क्या थी, इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है.
अंतरिम सरकार ने 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जांच कमेटी में वरिष्ठ नौकरशाहों, अग्निशमन सेवा और पुलिस अधिकारी शामिल हैं. कमेटी को सात दिन के अंदर बताना है कि जांच की वजह क्या थी. (शेख हसीना पर शिकंजा, रूसी न्यूक्लियर प्लांट में 42 हजार करोड़ हड़पने का आरोप)