July 7, 2024
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डंकी रुट ने पहुंचा दिया रुस-यूक्रेन war zone ?

विदेश में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े और ‘डंकी रूट’ के जरिए यूरोप जाने वाले भारतीय युवाओं के रुस-यूक्रेन वॉर-जोन पहुंचने से मास्को से लेकर भारत तक बवाल मच गया है. बुधवार को जहां हैदराबाद के रहने वाले एक युवक की रुस-यूक्रेन वॉर-जोन में मौत हो गई तो आधा दर्जन से ज्यादा रूसी सेना की यूनिफॉर्म पहने भारतीय युवकों का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे स्वदेश लौटने की गुहार लगा रहे हैं. 

पिछले 15 दिनों में दूसरे भारतीय की  वॉर-जोन में मौत हो गई है. बुधवार को खबर आई कि हैदराबाद के रहने वाले 30 साल के मोहम्मद अफसान की मौत हो गई है. अफसान भी गुजरात के रहने वाले हमिल मंगुकिया की तरह ही रुस में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के जरिए रुसी सेना में भर्ती करा दिया गया था. अफसान की मौत पर मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कि अफसान की मौत को लेकर “रशियन अधिकारियों के संपर्क में हैं.” दूतावास ने कहा कि अफसान के “पार्थिव शरीर को भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.”

21 फरवरी को गुजरात के हमिल की भी डोनबास में यूक्रेन के मिसाइल अटैक में मौत हो गई थी. दरअसल, हमिल भी अफसान की तरह रुस में नौकरी के नाम पर कुछ एजेंट्स के जरिए भेजा गया था. यहां पर वे रुसी सेना में रसोइया इत्यादि कार्यों के लिए हेल्पर की नौकरी के लिए लाया गया था. बाद में उन्हें डोनबास भेज दिया गया था जो रुस और यूक्रेन के बीच जंग का मैदान बना हुआ है. दो साल पहले तक यूक्रेन का हिस्सा रहा डोनबास फरवरी 2022 में रुस ने अपने कब्जे में कर लिया था. तभी से यहां दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर जवाबी कार्रवाई करती रहती हैं. हालांकि, अफसान के मारे जाने की सही स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. 

इस बीच रूसी सेना की यूनिफॉर्म में सात भारतीय युवकों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक युवक वीडियो में कमेंट्री कर रहा है और बाकी छह बैकग्राउंड में खड़े हुए हैं. वीडियो बनाने वाले युवक का दावा है कि वे सभी टूरिस्ट हैं और रशियन वीजा पर मास्को आए थे. पिछले साल दिसंबर के महीने में ट्रेवल एजेंट ने उन्हें मास्को के जरिए बेलारुस भेज दिया था. लेकिन वहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. 

जानकारी के मुताबिक, ये सभी युवक पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं. पंजाब (और हरियाणा) के युवक बड़ी संख्या में डंकी-रूट के जरिए गैरकानूनी तरीके से यूरोप जाने की करते हैं. इसके लिए मास्को और बेलारूस के जरिए यूरोप के किसी देश में भेजा जाता है. लेकिन रुस-यूक्रेन युद्ध और यूरोप से तनातनी के चलते बेलारुस बॉर्डर पर जबरदस्त सख्ती है. ऐसे में इन युवकों के पकड़े जाने का अंदेशा है. हालांकि, युवकों ने वीडियो में इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वे यूरोप जाने की फिराक में थे. युवकों का दावा है कि वे घूमने के लिए बेलारुस आए थे. क्योंकि बेलारुस में वीजा की जरुरत नहीं पड़ती है. दरअसल, रुस के वीजा पर बेलारुस भी जाया जा सकता है.

वीडियो बनाने वाले युवकों का आरोप है कि पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर उन्हें दस साल जेल में काटने या फिर रूसी सेना के लिए काम करने का विकल्प दिया गया था. ऐसे में उन्होंने रुसी सेना में हेल्पर के तौर भर्ती होना स्वीकार कर लिया था. लेकिन अब वे वापस स्वदेश लौटना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें फ्रंटलाइन (वॉर-जोन) भेजा जा रहा है. 

पिछले हफ्ते भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कम से कम 20 भारतीय रुस-यूक्रेन वॉर-जोन में फंसे हुए हैं और उन तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. विदेश मंत्रालय का दावा है कि कुछ युवकों को छुड़ा लिया गया है. लेकिन इन युवकों के परिवारवालों को शक है कि उन्हें रूस की प्राईवेट आर्मी (वैगनर) में भर्ती किया गया होगा. 

रुस-यूक्रेन युद्ध को दो साल पूरे हो चुके हैं और जल्द खत्म होता नहीं दिखाई पड़ रहा है. दोनों ही देशों ने एक दूसरे की सेना को बड़ा नुकसान होने का दावा किया है. ऐसे में दोनों ही देशों की सेना में बड़ी संख्या में दूसरे देशों के युवक और पूर्व सैनिक पैसे इत्यादि के लिए लड़ने के लिए पहुंच रहे हैं. कुछ हफ्ते पहले ही सोशल मीडिया पर एक दूसरा वीडियो सामने आया था जिसमें नेपाली मूल के नागरिक रूसी सेना के लिए काम करने का दावा कर रहे थे.

डंकी-रूट और नौकरी के नाम पर विदेश में फर्जीवाड़े के जरिए रूसी सेना में भर्ती से भारत में लोग अचंभित हैं. सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ये भारतीय डंकी-रूट से रुस के रास्ते यूरोप में दाखिल हो रहे थे और पकड़े जाने पर रुस की सेना में शामिल हो गए. हकीकत कुछ भी हो भारत का विदेश मंत्रालय और मास्को स्थित दूतावास इन  भारतीयों को सुरक्षित देश लाने में जुट गया है. 

(नीरज राजपूत, रुस-यूक्रेन युद्ध पर लिखी बुक ‘ऑपरेशन जेड लाइव ‘के लेखक भी हैं. उन्होंने युद्ध के शुरूआती हफ्तों में वॉर-जोन से रिपोर्टिंग की थी.)

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