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ड्रोन से नहीं जीता जा सकता युद्ध, IAF चीफ ने बताई लड़ाकू विमान की उपयोगिता

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क के उलट, भारतीय वायुसेना के चीफ एपी सिंह ने साफ तौर से कह दिया है कि ड्रोन के भरोसे कोई जंग नहीं जीती जा सकती है. एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ड्रोन से भारी भ्रम पैदा किया जा सकता है लेकिन लड़ाकू विमान की तरह दुश्मन को पंच यानी मुक्का नहीं मारा जा सकता.

मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने दो टूक कहा कि एयर वॉरफेयर में फाइटर जेट का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. ऐसे में लड़ाकू विमानों की जगह ड्रोन नहीं ले सकते हैं. पायलट द्वारा उड़ाए जाने वाले फाइटर एयरक्राफ्ट को एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना की आवश्यकता बताया.

रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र करते हुए एसीएम सिंह ने कहा कि ड्रोन अटैक (स्वार्म ड्रोन इत्यादि) एक बड़ी चुनौती जरूर है. लेकिन दुश्मन की क्षेत्र मे घुसकर मारने के लिए ऐसे हथियार की जरूरत होती है, जिससे पंच यानी भारी नुकसान पहुंचाया जा सके, जो ड्रोन अटैक में नहीं है.

एलन मस्क ने लड़ाकू विमान की जगह ड्रोन को बताया था भविष्य की जरूरत

अमेरिका में लगातार क्रैश हो रहे एफ-35 फाइटर जेट को लेकर हाल ही में एलन मस्क ने कहा था कि लड़ाकू विमानों के प्रोजेक्ट को पूरी तरह बंद कर ड्रोन बनाए जाने चाहिए. मस्क का तर्क था कि इस तरह पायलट की कीमती जान बचाई जा सकती है. लेकिन, वायुसेना प्रमुख ने किसी भी जंग में पायलट की मौजूदगी तो अपरिहार्य बताया.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने फाइटर जेट से बरपाया था कहर, पाकिस्तान का ड्रोन अटैक हुआ था फेल

उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों को तबाह करने के लिए फाइटर जेट (रफाल और सुखोई) सहित इजरायली ड्रोन (हारपी इत्यादि) का इस्तेमाल किया था. इसके कारण पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

दूसरी तरफ पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारत पर तीन दिन लगातार ड्रोन से अटैक किया थे. इन तीन दिनों में पाकिस्तान ने सियाचिन से लेकर जम्मू कश्मीर, पंजाब और राजस्थान से लेकर सर क्रीक (गुजरात) में ड्रोन से हमले किए थे. लेकिन भारत ने पाकिस्तान के 90 प्रतिशत से ज्यादा ड्रोन को आसमान में ही मार गिराया था. ऐसे मे इन ड्रोन अटैक का असर भारत पर ना के बराबर था.

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