गजब की मोटी चर्बी है पाकिस्तान की. पहले तो बुरी तरह से फेल हुए असीम मुनीर को फील्ड मार्शन बनाया और अब बुरी तरह से फुस्स हुए ड्रोन की तारीफ करने शहबाज शरीफ और असीम मुनीर तुर्किए में तशरीफ ले गए हैं. आतंकवादियों का साथ देने के लिए थैंक्यू बोलने के लिए शहबाज और असीम मुनीर इस्तांबुल पहुंचे हैं और तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की है. पहलगाम हमले के बाद एर्दोगन और शहबाज शरीफ ही थे जो हंस-हंसकर मुलाकात करके नरसंहार का जश्न मनाते दिखे थे.
एर्दोगन से मीटिंग, शहबाज-असीम ने कहा थैंक्यू
एर्दोगन से मुलाकात के बाद शहबाज ने भारत के साथ हालिया मिलिट्री टकराव (6-10 मई) के दौरान तुर्किए की मदद के लिए धन्यवाद किया. दरअसल, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने जो हमले के लिए थे उसमें तुर्की के ही ड्रोन का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान ने 1000 से ज्यादा ड्रोन के जरिए भारत के सैन्य और रिहायशी इलाकों को टारगेट करने की कोशिश की थी, लेकिन सारे के सारे ड्रोन को जमीन पर गिरने से पहले हवा में ही मार गिराया गया था.
पहलगाम नरसंहार के बाद तुर्किए ने पहुंचाई थी ड्रोन की खेप
पहलगाम नरसंहार के तुरंत बाद पाकिस्तान ने एक कार्गो जहाज भरकर ड्रोन की एक बड़ी खेप तुर्किए से मंगाई थी. पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ जो बुनयान अल मसरूर लॉन्च किया था, उसमें तुर्की और चीन के ड्रोन को शामिल किया था. इसके अलावा भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ने के बाद तुर्की का जंगी जहाज 2 मई को कराची बंदरगाह पहुंचा था. 27 अप्रैल को तुर्की का सैन्य विमान सी-130 हरक्यूलिस भी पाकिस्तान गया था.7-10 मई के बीच पाकिस्तान ने करीब एक हजार ड्रोन भारत पर लॉन्च किए थे. लेकिन सभी को भारत की एयर डिफेंस ने मार गिराया था.
पहलगाम हमले वाले दिन अंकारा में थे शहबाज, मनाई थी खुशी
पहलगाम हमले के दौरान (22 अप्रैल) भी शहबाज शरीफ और एर्दोगन, तुर्की की राजधानी अंकारा में हंस-हंसकर गले मिल रहे थे. ऐसा लग रहा था कि 26 पर्यटकों की हत्या की खुशी मनाई जा रही है. एर्दोगन और शहबाज की उस तस्वीर की बहुत आलोचना की गई थी. मुसलमान देशों का खलीफा बनने वाले एर्दोगन कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की तरह ही रोते हैं. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से लेकर सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तुर्किए ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की है.
दिखने लगा “बायकॉट तुर्किए” का असर
ड्रोन हमले के दौरान पाकिस्तान को समर्थन देने के चलते ही भारत ने तुर्किए की एविएशन-सर्विस कंपनी सेलिब के साथ करार तोड़ दिया है. भारत में तुर्की का टूरिस्ट-डेस्टिनेशन के तौर पर बॉयकॉट शुरु हो गया है. कई ट्रैवल एजेंसियों ने तुर्किए के लिए बुकिंग बंद कर दी है.वीजा प्रोसेसिंग कंपनी एटलीस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा के हवाले से बताया कि “इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय यात्रियों ने तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा नहीं करने का फैसला लिया है.” एटलीस के सीईओ ने कहा कि “आधुनिक यात्रा ऐसी ही होती है. हमने भारत के साथ खड़े होकर और राष्ट्रीय भावना के साथ एकजुटता दिखाते हुए तुर्किए और अजरबैजान के सभी मार्केटिंग कामों को भी रोक दिया है.”