अमेरिका की सबसे बड़ी फेडरल जांच एजेंसी, एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे के इस्तीफे के ऐलान को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लिए बेहतरीन दिन बताया है.
क्रिस्टोफर रे ने घोषणा की है कि वो सिर्फ जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान ही एफबीआई को हे़ड करेंगे. 20 जनवरी को बाइडेन का कार्यकाल खत्म होते ही पद से इस्तीफा दे देंगे. क्रिस्टोफर की इस घोषणा पर डोनाल्ड ट्रंप ने लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी है. ट्रंप ने कहा क्रिस्टोफर के इस फैसले से न्याय विभाग के ‘हथियारीकरण’ का अंत होगा. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए भारतीय मूल के काश पटेल को नामित किया है.
मौजूदा एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर ट्रंप का वार
ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के इस्तीफे की घोषणा पर लिखा, “क्रिस्टोफर रे का इस्तीफा, अमेरिका के लिए बेहतरीन दिन है क्योंकि इससे न्याय विभाग के हथियारीकरण का अंत होगा. मुझे नहीं पता कि क्रिस्टोफर रे को क्या हुआ. लेकिन अब हम सभी अमेरिकी लोगों के लिए कानून को बहाल करेंगे. क्रिस्टोफर रे की अगुवाई में एफबीआई ने गैरकानूनी रूप से मेरे घर पर छापेमारी की. मेरे खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया. उनके प्रतिनिधित्व में एफबीआई ने कई निर्दोष अमेरिकन लोगों को धमकाने और उनकी जिंदगी तबाह करने के लिए अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया.”
ट्रंप ने आगे लिखा कि “एफबीआई की अगुवाई करने के लिए काश पटेल एकदम उम्दा हैं. काश पटेल इतिहास में सबसे अच्छे एफबीआई डायरेक्टर बनेंगे.”
क्रिस्टोफर रे ने अपने इस्तीफे को लेकर क्या कहा
मौजूदा एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने कहा, “कई हफ्तों तक विचार करने के बाद मैंने ब्यूरो के हित में सही फैसला किया है कि मैं मौजूदा बाइडेन सरकार के जनवरी में खत्म हो रहे कार्यकाल तक ही इस पद पर बना रहूंगा और इसके बाद इस्तीफा दे दूंगा. मेरा उद्देश्य हमारे मिशन पर फोकस बनाए रखना है कि हम हर दिन मेहनत के साथ आपके लिए काम करते रहें. और मेरे ख्याल से ब्यूरो को कंट्रोवर्सी में खींचने से बचाने के लिए यही बेहतर तरीका है.”
ट्रंप के करीबी काश पटेल की राह नहीं है आसान
क्रिस्टोफर रे के इस्तीफे के बाद काश पटेल का एफबीआई डायरेक्टर बनना तय है. दरअसल क्रिस्टोफर रे को साल 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही 10 साल के लिए नियुक्त किया था.यानि रे का कार्यकाल अभी तकरीबन 3 साल का बचा हुआ था. हालांकि, अब काश पटेल एफबीआई डायरेक्टर के नॉमिनेट किया गया है.
काश को ट्रंप का बेहद करीबी माना जाता है. काश, साल 2017 में इंटेलिजेंस पर बनी हाउस पार्लियामेंट्री सेलेक्ट कमेटी के सदस्य रह चुके हैं. काश नेशन फर्स्ट की नीति पर चलते हैं.
भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने इसी सप्ताह कैपिटल हिल्स में कई प्रभावशाली सांसदों से मुलाकात भी की है, जिनमें से कई ने काश पटेल के नामांकन को समर्थन किया है. दरअसल कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें आई थीं कि ट्रंप की पार्टी के कुछ नेताओं ने काश पटेल के नामांकन का विरोध किया है. अगर अमेरिकी सीनेट द्वारा काश पटेल के नाम पर हामी भरी जाएगी तो काश पटेल एफबीआई का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी होंगे.