हथियारों और सैन्य साजो सामान के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए रक्षा मंत्रालय ने पांचवी स्वदेशी लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में साढ़े तीन सौ (346) ऐसे सैन्य उपकरण हैं जिन्हें देश की सेनाएं अब मेक इन इंडिया के तहत ही खरीद पाएंगी. इन उपकरणों के आयात नहीं किया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन 346 सैन्य उपकरणों की कुल कीमत करीब 1048 करोड़ हैं. इन उपकरणों में लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स, सिस्टम्स, सब-सिस्टम्स, असेंबली, सब-असेंबली, स्पेयर्स एंड कॉम्पोनेंट और रा मटेरियल शामिल है.
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी इस लिस्ट में दिए गए उपकरण किसी कीमत पर आयात नहीं किए जाएंगे.
मंगलवार को पांचवी लिस्ट के साथ अब 12 हजार से ज्यादा (12,300) ऐसे हथियार और मिलिट्री-इक्यूपमेंट हो गए हैं जिन्हें सशस्त्र सेनाएं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना सिर्फ और सिर्फ स्वदेशी वेंडर्स से ही खरीदे जा सकेंगे.
रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2020 में एक खास सृजन-पोर्टल लॉन्च की है जिसमें डिफेंस पीएसयू और सर्विस-हेडक्वार्टर समय समय पर एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित पूरी डिफेंस इंडस्ट्री के लिए उन सैन्य उपकरणों को अपलोड करती है जिसकी जरूरत होती है.
ये जो नई लिस्ट जारी की गई है इसपर डिफेंस पीएसयू इन-हाउस या फिर प्राईवेट इंडस्ट्री को काम करने के लिए प्रेरित करेगी. इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है और डिफेंस में निवेश के जरिए हथियारों के आयात पर निर्भरता भी कम होती है.
पिछले तीन-चार सालों में रक्षा मंत्रालय ने 36 हजार डिफेंस उपकरणों को स्वदेशी इंडस्ट्री को निर्माण के लिए दिए हैं. इनमें से 12 हजार से ज्यादा (12,300) का स्वदेशीकरण कर लिया गया है. रक्षा मंत्रालय ने ऐसे उपकरणों के साढ़े सात हजार करोड़ से ज्यादा (7572 करोड़) के ऑर्डर दिए हैं.
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