ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण से डरी पाकिस्तानी सेना की अग्रिम चौकी ने पहले ही सरेंडर कर दिया था. डर के मारे पाकिस्तानी सेना की चौकी में सफेद झंडा लगा दिया गया था. सफेद झंडा यानि जंग से पहले ही सरेंडर करना. भारतीय सेना ने वीडियो जारी किया है. जिसमें पाकिस्तान की फॉरवर्ड चौकी में सफेद झंडा लगा दिया गया था.
भारत की तैयारियों से ही कांप गया पाकिस्तान, लगाया सफेद झंडा
भारत के हाथों मात खाए पाकिस्तान के खिलाफ एक और सबूत सामने आया है. पाकिस्तान भले ही दुनिया में उछल उछल कर कह रहा हो कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का जबरदस्त विरोध किया, लेकिन सच्चाई ये है कि बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना ने हमले से पहले ही सरेंडर कर दिया था.
भारतीय सेना की जालंधर स्थित वज्र कोर ने एक वीडियो को जारी किया है. इस वीडियो में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वज्र कोर की तैयारियों को दर्शाया गया है कि किस तरह भारतीय सैनिक बॉर्डर पर रॉकेट लॉन्चर और तोपों को तैनात कर रही है. साथ ही टैंक भी तैनात किए गए थे ताकि पाकिस्तानी सेना पंजाब से सटे बॉर्डर पर कोई गड़बड़ी न कर पाए. एयर डिफेंस गन्स को भी तैनात करते दिखाया गया है. वज्र कोर को भारतीय सेना में ‘डिफेंडर ऑफ पंजाब’ माना जाता है.
पाकिस्तान ने सफेद झंडा लगाकर किया सरेंडर
इसी वीडियो में वज्र कोर ने बताया कि जब भारतीय सेना पंजाब से सटी सीमा पर अपनी सैन्य तैयारियां कर रही थी, तब पाकिस्तानी सेना ने अपनी एक चौकी पर सफेद झंडा लगा दिया था. यानी पाकिस्तानी सेना, पंजाब से सटी सीमा पर भारत से लड़ने के लिए किसी भी तरह तैयार नहीं थी. सैन्य परिभाषा में सफेद झंडे को सरेंडर का प्रतीक माना जाता है.
वज्र कोर का दावा है कि पूरी पश्चिमी सीमा पर ये उन चुनिंदा ऐसी पोस्ट में थी जिसने सफेद झंडा लगाकर भारत के दृढ़ निश्चय के आगे घुटने टेक दिए थे.
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 64 सैनिकों की मौत, पाकिस्तान ने डर के मारे कदम पीछे खींचे
दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर (6/7-9/10 मई) के दौरान जम्मू कश्मीर से सटी एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर पाकिस्तानी चौकियों पर भारतीय सेना ने जमकर गोलाबारी की थी. क्योंकि पाकिस्तानी सेना युद्धविराम का उल्लंघन कर रही थी. साथ ही गोलाबारी की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ कराने की भी साजिश की थी. भारतीय सेना के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तानी सेना के 64 सैनिकों की मौत हुई थी और करीब 100 पाकिस्तानी सैनिक घायल हुए थे. पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों को अपने हेडक्वार्टर को छोड़कर मस्जिद में सिर छिपाना पड़ा था.
एलओसी पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने दूसरे इलाकों में भारतीय सेना के आगे सरेंडर करते हुए चौकी पर सफेद झंडा लगा दिया था.