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गाजा के शूरवीर का पार्थिव शरीर भारत रवाना, शुरुआती जांच में टैंक से हमले की आशंका

इजरायल हमास युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव काले के पार्थिव शरीर को भारत लाया जा रहा है. शुक्रवार को इजरायल स्थित दूतावास में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कर्नल काले को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस बीच संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कर्नल काले की मौत पर खेद जताते हुए इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के साथ हमले की जांच तेज कर दी है. 

इजरायल में भारतीय दूतावास ने श्रद्धांजलि की तस्वीरें साझा करते हुए  ट्वीट किया कि “अधिकारियों ने इजरायली विदेश मंत्रालय, आईडीएफ, यूएन डिपार्टमेंट ऑफ सेफ्टी एंड सिक्योरिटी और अन्य संयुक्त राष्ट्र संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर कर्नल वैभव अनिल काले (सेवानिवृत्त), जिनकी जान गाजा में गई थी, आखिरी विदाई दी. उनका पार्थिव शरीर अपनी अंतिम यात्रा पर भारत जा रहा है.” 

भारत में इजरायली दूतावास के राजदूत नाओर गिलोन ने भी ट्विटर (एक्स) पर अपना सम्मान व्यक्त किया.  गिलोन ने कहा कि, “कर्नल (सेवानिवृत्त) वैभव अनिल काले की दुखद हानि से हमें गहरा दुख हुआ है. मामला अब भी जांच के तहत है. हमें उम्मीद है कि जल्द ही बेहतर समझ बनेगी. उनके मित्रों और परिवार के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं. ॐ शांति.” 

46 वर्षीय कर्नल काले वर्ष 2022 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे और पिछले दो महीने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और सुरक्षा विभाग (यूएनडीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी के तौर पर गाजा में कार्यरत थे. सोमवार को गाजा से युद्धग्रस्त राफा के यूरोपीय अस्पताल  जाते वक्त उनकी गाड़ी पर हमला हो गया था. इस हमले में कर्नल काले की मौत हो गई थी जबकि एक अन्य यूएन स्टाफ घायल हो गया था.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि “हम भारत की सरकार और लोगों के प्रति खेद और संवेदना व्यक्त करते हैं.” उन्होंने कहा कि ”भारत ने जो योगदान दिया है हम उसकी सराहना करते हैं.” हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने घातक हमले की जांच के लिए एक तथ्य-खोज पैनल की स्थापना की है. हक ने कहा, “जांच अभी बहुत शुरुआती है, और घटना के विवरण को अभी भी आईडीएफ के साथ सत्यापित किया जा रहा है.” तथ्य-खोज मिशन सुरक्षा और सुरक्षा विभाग द्वारा की जा रही है.
हक ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक ही हथियार ने संयुक्त राष्ट्र के दो कर्मचारियों को ले जा रहे संयुक्त राष्ट्र के सफेद वाहन के पिछले हिस्से पर हमला किया, जिससे काले की मौत हो गई और अन्य डीएसएस महिला स्टाफ सदस्य घायल हो गईं, जिन्हें चिकित्सा सहायता मिल रही है. उन्होंने कहा कि “हमें विश्वास है कि वह इससे बच जाएंगी.”  

हक ने पुष्टि की कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के लिए यह “पहली अंतरराष्ट्रीय क्षति” है और उन्होंने कहा कि वर्तमान में, विश्व निकाय के गाजा में 71 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र हमले के संबंध में इजरायली अधिकारियों के संपर्क में है, हक ने सकारात्मक जवाब दिया और कहा, “मुझे लगता है कि मुद्दा यह है कि हम यह निर्धारित करने के लिए इजरायल के साथ चर्चा कर रहे हैं कि यह घटना कैसे हुई और जो हुआ उसकी प्रकृति क्या थी.” 

हक ने कहा कि “मुझे नहीं लगता कि इस स्तर पर हमें इस बात पर संदेह है कि शॉट कहां से आए और परिस्थितियां क्या थीं.” हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि गोलीबारी एक टैंक से हुई है. यह पूछे जाने पर कि क्षेत्र में केवल आईडीएफ के पास ही टैंक हैं, हक ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक सुरक्षित धारणा है.” 

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