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Adani पर अमेरिका में केस, बाइडेन को रास नहीं Trump को बधाई

अमेरिका के राष्ट्रपति पद से जाते-जाते जो बाइडेन ने नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ाने की ठान ली है. पहले तो यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल की इजाजत देकर रूस को भड़का दिया तो अब भारत के साथ रिश्तों में तल्खी लाने के लिए अरबपति बिजनेसमैन गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है.

अमेरिका से आई बहुत बड़ी खबर के मुताबिक, हिंडनबर्ग रिपोर्ट में फंसे अदाणी (अडानी) को यूएसए की एक कोर्ट ने अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के करने का आरोपी ठहराया है. अमेरिका का आरोप है कि कि रिश्वत के पैसों को जुटाने के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला गया. जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी और अदाणी के करीबी सागर और विनीत जैन का नाम भी शामिल हैं. गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अदाणी ग्रुप ने अमेरिका में 600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड रद्द कर दिया है.

डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देना और ट्रंप से वादा करना पड़ा भारी?
भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप को जीत की दो बार बधाई दी थी और ट्रंप की जमकर तारीफ की थी. साथ है ट्रंप से अदाणी ने निवेश की घोषणा भी की थी. अदाणी ने कहा था कि “अगर दुनिया में कोई एक व्यक्ति है जो अटूट दृढ़ता, अदम्य साहस, निरंतर दृढ़ संकल्प और अपने विश्वासों के प्रति सच्चे रहने के साहस का प्रतीक है, तो वह डोनाल्ड ट्रंप हैं. यह देखना शानदार है कि अमेरिकी लोकतंत्र अपने लोगों को सशक्त बनाता है और राष्ट्र के संस्थापक सिद्धांतों को बरकरार रखता है.”

ट्रंप की तारीफ करने के कुछ ही दिनों बाद गौतम अदाणी ने 10 अरब डॉलर का निवेश करने की भी घोषणा की थी. गौरतलब है कि ट्रंप ने अपने चुनावी वादे में ऊर्जा कंपनियों के लिए नियमों को सरल बनाने का वादा किया है. (https://x.com/gautam_adani/status/1856679498311184665)

अमेरिका में गौतम अदाणी पर बड़ा आरोप, सच्चाई क्या है?

हिंडनबर्ग के बाद अदाणी समूह एक नए विवाद में फंस गया है. अमेरिका में गौतम अदाणी और उनकी कंपनियों से जुड़े लोगों पर सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट के लिए अनुकूल शर्तों के बदले रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है.

अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया कि अडानी समूह के अध्यक्ष, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य ने राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 2029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वत दी है. ये रिश्वत कथित तौर पर 2020 और 2024 के बीच दी गई है.

अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया कि यह सच्चाई अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई, जिनसे अदाणी समूह ने सौर ऊर्जा परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे. अदाणी समूह को ऊर्जा अनुबंध हासिल करके दो बिलियन डॉलर का मुनाफ़ा कमाने की उम्मीद थी.

कोर्ट में उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने कहा, “इस अभियोग में भारत सरकार के अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलकर अरबों डॉलर जुटाने और न्याय में बाधा डालने की योजनाओं का आरोप है.” (https://x.com/neeraj_rajput/status/1859438131289936320)

‘न्यूमैरो उनो’ और ‘द बिग मैन’ कोड और कनाडा से कैसे जुड़ा विवाद?

दस्तावेज के अनुसार, साजिश में शामिल रहे कुछ लोग गौतम अदाणी को निजी तौर पर ‘न्यूमैरो उनो’ और ‘द बिग मैन’ कोड नामों से बुलाते थे. वहीं उनके भतीजे कथित तौर पर रिश्वत के बारे में विशिष्ट जानकारी पर नजर रखने के लिए अपने सेलफोन का इस्तेमाल करते थे. शिकायत में उन पर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है और स्थायी रूप से रोक, जुर्माना समेत अन्य प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है.

अमेरिकी अधिकारियों ने कथित साजिश के संबंध में कनाडाई पेंशन फंड सीडीपीक्यू के तीन पूर्व कर्मचारियों पर भी आरोप लगाए हैं. आरोपों में कहा गया कि उन्होंने ई-मेल ‘डिलीट’ कर और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने के लिए सहमत होकर रिश्वत के मामले की जांच में बाधा डाली.

वारंट से कुछ घंटे पहले ही अदाणी ग्रुप ने बॉन्ड बेचे
अमेरिकी कोर्ट में आरोपों से कुछ घंटे पहले ही अडानी ग्रुप की एक इकाई ने 600 मिलियन डॉलर की पेशकश के लिए अमेरिकी कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में प्रवेश किया, इस पेशकश को तीन गुना से अधिक ओवर सब्सक्राइब किया गया. बाद में इन बॉन्ड की बिक्री भी रद्द कर दी गई थी. (https://x.com/AdaniOnline/status/1859511463158874304)

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