कैरिबियन देश हैती के प्रधानमंत्री गैरी कोनिले एक हमले में बाल-बाल बचे हैं. पोर्ट-ऑ-प्रिंस में पीएम कोनिले को एक अस्पताल से बाहर निकालने के दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों को पीएम की जान बचाने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग करनी पड़ी. गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ और पीएम गैरी कोनिले को सुरक्षित बाहर निकाला लिया गया.
सुरक्षित बचाए गए हैती के प्रधानमंत्री
हैती के प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, “सोमवार को पीएम कोनिले औक राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख नॉर्मिल रामेउ और कुछ पत्रकारों के साथ हैती के सबसे बड़े अस्पताल गए थे. तभी इमारत के बाहर गोलियों की आवाज सुनी गई. प्रधानमंत्री गैरी कोनिले इंटरव्यू दे रहे थे, इसी दौरान फायरिंग की आवाज के बाद सुरक्षाकर्मी सतर्क हो गए. सभी को अस्पताल से बाहर निकाला गया, सभी के बाहर निकल जाने के बाद पीएम के सुरक्षाकर्मियों ने कुछ गोलियां चलाईं.”
पीएम के दफ्तर ने बयान जारी करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री और उनकी टीम पूरी सुरक्षा के साथ अस्पताल से बाहर निकली और उन्हें वापस उनके कार्यालय ले जाया गया.”
आंतरिक हिंसा से जूझ रहा अफ्रीकी देश हैती
हैती गृहयुद्ध की मार झेल रहा है. दरअसल पीएम ने जिस अस्पताल का दौरा किया है, उसको कुछ हथियारबंद गिरोह ने कब्जा कर लिया था. जुलाई के शुरुआती हफ्ते में पीएम कोनिले और हैती के पुलिस प्रमुख ने अस्पताल का दौरा किया था. तब घोषणा की गई थी, कि हथियारबंद गिरोहों से अस्पताल को वापस ले लिया गया है. उस समय पीएम कोनिले ने तबाह हो चुके अस्पताल के बचे हुए हिस्से को ‘‘युद्ध क्षेत्र’’ बताया था.
हैती की दो सबसे बड़ी जेलों पर भी हमला किया गया है. हथियारबंद गिरोह चिकित्सा संस्थानों को लूट रहे हैं, आग लगा रहे हैं. बंदूकधारियों ने पुलिस स्टेशनों पर भी कब्जा कर लिया है. मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी अटैक किया गया है, जिसके बाद एयरपोर्ट को 3 महीने के लिए बंद करना पड़ा. (Haiti में Barbecue गैंग ने किया तख्तापलट)
भारत ने हैती को भेजा मानवीय सहायता
भारत ने हैती को मानवीय सहायता के लिए नौ टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी है. यह चिकित्सा सामग्री नई दिल्ली से सोमवार को पोर्ट-ऑ-प्रिंस के लिए रवाना हुई. इसमें कई महत्वपूर्ण चिकित्सीय उपकरण और सामग्री शामिल हैं. विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि “हैती के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, मानवीय सहायता भेजी है.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने एक बयान में कहा था कि “भारत याचक नहीं, दानदाता की भूमिका में है.” हैती में भेजी की सहायता भी इसी का उदाहरण है कि जरूरत के वक्त भारत दूसरे देशों की मदद कर रहा है.
दुनियाभर में राष्ट्राध्यक्ष बन रहे हमलों का शिकार
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक जानलेवा हमला हुआ था. उससे पहले स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ड फिको पर बीच सड़क पर फायरिंग की गई थी. वे मौत के मुंह से बचकर आए हैं. इससे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भी एक सिरफिरे ने सार्वजनिक जगह पर भाषण देते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी.