दुबई एयर शो में स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए-तेजस की दुर्घटना से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बिजनेस ऑपरेशन्स, फाइनेंसियल पर्फोमन्स और डिलीवरी पर कोई असर नहीं पड़ा है. एचएएल ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को चिट्ठी लिखकर तेजस के क्रैश को एक आईसोलेटेड घटना महज बताया है.
एलसीए तेजस को स्वदेशी एविएशन कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) की मदद से तैयार किया था. वर्ष 2016 में एलसीए तेजस को वायुसेना में शामिल किया गया था. इस वक्त, वायुसेना में तेजस की 02 स्क्वाड्रन हैं. इनमें से एक स्क्वाड्रन, तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस (कोयम्बटूर) पर तैनात रहती है और दूसरी, पाकिस्तान सीमा के करीब एक फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात रहती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, एलसीए तेजस ने एयरस्पेस की पेट्रोलिंग में हिस्सा लिया था.
21 नवंबर को दुबई में क्रैश हुए एलसीए-तेजस को भी एचएएल ने ही तैयार किया था, जिसे वायुसेना के फाइटर पायलट, विंग कमांडर नमंश स्याल उड़ा रहे थे. दुर्घटना में विंग कमांडर स्याल की मौत हो गई थी. वायुसेना ने क्रैश के कारणों के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया और जांच शुरु कर दी है. (एलसीए तेजस क्रैश, महज हादसा या तकनीकी खराबी)
मित्र-देशों को एलसीए के एक्सपोर्ट की थी तैयारी
क्रैश के बाद एलसीए के भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी. क्योंकि फिलहाल, एचएएल वायुसेना के लिए एलसीए-तेजस के एडवांस वर्जन मार्क-1ए का निर्माण कर रही है. साथ ही एलसीए को भारत, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के मित्र-देशों को एक्सपोर्ट करने की तैयारी कर रहा है.
एचएएल ने बीएसई और एनएसई को चिट्ठी लिखकर कहा कि हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि कंपनी के व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन या भविष्य की डिलीवरी पर इस दुर्घटना का कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान हुई हालिया घटना असाधारण परिस्थितियों से उत्पन्न एक अलग घटना है.
एचएएल ने कहा कि कंपनी, जांच करने वाली एजेंसियों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग प्रदान कर रही है. कंपनी हितधारकों को किसी भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराती रहेगी. ये जानकारी रिकॉर्ड के लिए है.
एलसीए-तेजस का एडवांस वर्जन भी बनकर तैयार
पिछले महीने नासिक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एलसीए तेजस के एडवांस वर्जन, मार्क-1ए की पहली फ्लाइट का आयोजन किया गया था. वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 83 मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का करार किया था. लेकिन अमेरिका से संबंधों में आई खटास के चलते एलसीए के एविएशन इंजन (एफ-404) की सप्लाई में करीब दो वर्षों की देरी हुई थी. करार के तहत अभी तक एचएएल को अमेरिकी कंपनी जीई-एयरोस्पेस से महज 04 इंजन ही मिल पाए हैं.
भारतीय वायुसेना के लिए 180 एलसीए-तेजस का हुआ करार
सितंबर के महीने में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 97 अतिरिक्त एलसीए-मार्क 1ए का करार किया था. ऐसे में अगले एक दशक में वायुसेना को एचएएल से कुल 180 एलसीए तेजस (मार्क-1ए) मिलने की संभावना है. इन अतिरिक्त एयरक्राफ्ट के लिए एचएएल ने इसी महीने के शुरुआत में एक बार फिर जीई-एयरोस्पेस से 113 एफ-404 इंजन का सौदा किया है.
