जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पूरे तरह से खात्मे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने बनाई है खास रणनीति. अमित शाह ने जीरो इंफिल्ट्रेशन का टारगेट देते हुए बताया है मोदी सरकार, आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जीरो टॉलरेंस नीति है.
गृह मंत्री के जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ऐसे वक्त में बैठक हुई है, जब टीएफए ने एक दिन पहले ही बताया था कि जैश और लश्कर के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक को दोबारा खड़ा करने के लिए हमास के साथ हाथ मिलाया है. पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन हर साल 5 फरवरी को ‘कश्मीर सॉलैडेरिटी’ मनाते हैं.
एजेंसियां जीरो इंफिल्ट्रेशन का टारगेट रखे: अमित शाह
जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन बड़ी बैठक की है. भारतीय सेना के टॉप कमांर्डस और दूसरे आला अधिकारियों के बाद गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा सहित सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की.
अमित शाह ने इस बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का इकोसिस्टम काफी कमजोर हुआ है. लेकिन आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को घुसपैठ को पूरी तरह से रोकने के लिए ‘जीरो इंफिल्ट्रेशन’ का टारगेट रखना होगा. आतंकवाद और आतंकवादियों का अस्तित्व खत्म करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां घुसपैठ और आतंकवाद पर बेहद सख्ती के साथ कठोरता से कार्रवाई करें.
नार्को नेटवर्क से घुसपैठ और आतंकियों को मिल रहा समर्थन: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में कहा कि नार्को नेटवर्क से घुसपैठ और आतंकियों को अपनी गतिविधियां चलाने में समर्थन मिल रहा है. नारकोटिक्स के व्यापार से जो पैसा मिल रहा है, उससे टेरर फंडिंग की जा रही है. इसके खिलाफ कठोरता से कार्रवाई करने की जरूरत है.
अमित शाह ने आतंकवाद-मुक्त जम्मू और कश्मीर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मोदी सरकार की नीति पर बल दिया. सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए तालमेल के साथ काम करना जारी रखने का निर्देश दिया.
जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री ने की लगातार दूसरी बैठक
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने चार फरवरी को भी सिक्योरिटी रिव्यू मीटिंग की थी, मंगलवार को हुई मीटिंग में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और केंद्रीय गृह सचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. वहीं बुधवार को सिक्योरिटी रिव्यू के लिए यह हाई लेवल मीटिंग में एलजी मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर, जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी समेत गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
पीओके के आतंकी जलसे में हमास की मौजूदगी
टीएफए को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रावलकोट के शहीद शब्बीर स्टेडियम में जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के टॉप कमांडर कश्मीर और गाजा को लेकर एक साझा कार्यक्रम का आयोजन किया है. रावलकोट, पीओके के पुंछ जिला का मुख्यालय है और भारत से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के बेहद करीब है.
रावलकोट को पाकिस्तानी आतंकियों का गढ़ माना जाता है. यही से पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई, आतंकियों को एलओसी पार कराकर भारत की सीमा में घुसपैठ कराती है.
पीओके में सक्रिय आतंकी संगठनों को हमास का सहारा
पाकिस्तान से हुए युद्ध विराम (फरवरी 2021) से पहले भारतीय सेना ने एलओसी पार कर रावलकोट सेक्टर में पाकिस्तानी आतंकियों और उनकी मददगार पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कई ऑपरेशन किए थे.
आतंकी संगठनों के इस जलसे में जैश ए मोहम्मद के संस्थापक कमांडर मसूद अजहर का भाई तलहा सैफ, जैश का लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी, रीजनल कमांडर मसूद इलियास शामिल हो रहे हैं. लश्कर ए तैयबा से जुड़े आतंकी कमांडर भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जिसे हमास के खास ‘अल अकसा फ्लड कॉन्फ्रेंस’ के नाम से आयोजित किया गया. (जैश-लश्कर ने मिलाया हमास से हाथ, कश्मीर में आतंक को जिंदा करने की साजिश)