Breaking News Conflict India-Pakistan Islamic Terrorism

संवेदनशील इमारतों पर सुरक्षा का जाल, ड्रोन के खतरों से बताएगी ये तकनीक

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के नापाक हमलों की वो तस्वीरें कोई हिंदुस्तानी नहीं भूल सकता है. आतंकियों के मददगार पाकिस्तान ने तुर्किए के 400 से ज्यादा ड्रोन भारत पर अटैक करने की कोशिश की थी. ग्रुप्स में ड्रोन की बौछार की थी, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन ड्रोन को जमीन में गिरने से पहले ही ध्वस्त कर दिया था. ऐसे में हैदराबाद की बड़ी ड्रोन डिफेंस कंपनी इंद्रजाल ने इंद्रजाल इंफ्रा लॉन्च करके देश के बुनियादी यानी महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए डिजाइन किया है. कंपनी का मानना है कि मौजूदा समय में ये देश की जरूरत है.

ड्रोन खतरों से बुनियादी ढांचों की सुरक्षा करेगी इंद्रजाल इंफ्रा

आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हुए अग्रणी ड्रोन रक्षा कंपनी इंद्रजाल ने बुनियादी ढांचों की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. ऑटोनॉमस ड्रोन डिफेंस कंपनी ने इंद्रजाल इंफ्रा लॉन्च किया है, जो देश की न्यूक्लियर संयंत्रों, तेल रियाइनरी, पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स और ऊर्जा संयंत्रों के बुनियादी ढांचों को सशक्त बनाने के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है. इंद्रजाल के संस्थापक और सीईओ किरण राजू के मुताबिक, “शांति के समय की तैयारी युद्धकालीन बीमा है.” 

किन बुनियादी ढांचों की सुरक्षा मजबूत करेगी इंद्रजाल इंफ्रा प्रणाली

इंद्रजाल कंपनी के मुताबिक, “यह प्रणाली परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, तेल रिफाइनरियों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और ऊर्जा ग्रिडों जैसे उच्च मूल्य वाले महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को ड्रोन-आधारित हमलों से बचाने के लिए डिजाइन की गई है.उन्नत स्काईओएस प्लेटफॉर्म के साथ, इंद्रजाल इन्फ्रा 4,000 वर्ग किमी तक के विशाल क्षेत्रों में स्वायत्त, वास्तविक समय हवाई क्षेत्र सुरक्षा प्रदान करता है.” आपको बता दें, कंपनी भारत के सबसे संवेदनशील और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा गलियारों में इंद्रजाल इंफ्रा को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियों, रक्षा प्रतिष्ठानों और रणनीतिक उद्यमों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है.

इंद्रजाल के संस्थापक और सीईओ किरण राजू ने कहा, “शांति के समय की तैयारी युद्धकालीन बीमा है. आज महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा की लागत हमले के बाद उन्हें फिर से बनाने की लागत से कहीं कम है.” “इंद्रजाल इन्फ्रा को तेजी से विकसित हो रहे खतरे के माहौल में परिचालन निरंतरता, राष्ट्रीय लचीलापन और औद्योगिक संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है.”

ये प्रणाली कैसे करती है काम, भारत को इसकी जरूरत क्यों?

यह प्रणाली आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित खतरे का पता लगाने को स्तरित रक्षा दृष्टिकोण के साथ एकीकृत करती है – जिसमें सेंसर, स्पूफर्स, जैमर और कमांड इंटेलिजेंस का संयोजन होता है – ताकि दुष्ट ड्रोनों के खिलाफ 24/7 सुरक्षा प्रदान की जा सके. एआई-आधारित, C5ISRT-सक्षम वास्तुकला टारगेट को पहचानने और निर्णय लेने के लिए सुनिश्चित करती है.  

इंद्रजाल कंपनी के मुताबिक “इंद्रजाल इंफ्रा हाल ही में सीमा पार तनाव के दौरान सफल परीक्षणों के बाद गुजरात में एक रणनीतिक नौसैनिक बंदरगाह पर पहले से ही कार्यरत है. कर्नाटक में भारत के सबसे बड़े नौसैनिक बंदरगाह पर भी तैनाती का काम चल रहा है, जो भारत के समुद्री और औद्योगिक रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत-पाकिस्तान संघर्ष को देखते हुए पश्चिमी सीमा के निकट संवेदनशील संपत्तियों को निशाना बनाने वाले ड्रोन-आधारित खतरों में वृद्धि देखी गई हालांकि कई हमलों को नुकसान पहुंचाने से पहले ही रोक लिया गया. लेकिन भविष्य में भारत को और मजबूत करने के लिए इंद्रजाल इंफ्रा कारगर है.”

दुनिया में बढ़े ड्रोन युद्ध, सामरिक और आर्थिक जोखिम का नया युग

रूस-यूक्रेन का युद्ध हो या फिर पेलहम तेल टर्मिनल पर हमला. सूडान में बिजलीघरों पर हमला, तथा यूक्रेन में ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बनाने जैसी घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि अब दुश्मन कम लागत वाले वाणिज्यिक ड्रोनों का उपयोग करके अरबों डॉलर की सम्पत्ति को नष्ट कर सकते हैं. ऐसे हमलों से रिफाइनरी का परिचालन रुक सकता है, जिससे हर दिन 400-800 करोड़ का नुकसान हो सकता है. लॉजिस्टिक्स केन्द्रों और बंदरगाह सुविधाओं को कई सप्ताह तक बंद रहना पड़ता है और निर्यात में रुकावट होती है. विद्युत ग्रिड और परमाणु सुविधा को क्षति पहुंचने से शहरी क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो सकता है. ड्रोन पारंपरिक रक्षा प्रणालियों को कमजोर करते हैं. 

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *