अमेरिकी राष्ट्रपति को सिर्फ भारत ने ही करार जवाब नहीं दिया है, बल्कि ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी ट्रंप की धमकी को दरकिनार कर दिया है. ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ऑफर को ठुकरा दिया है जिसमें ट्रंप ने कहा था कि लूला उनसे कभी भी टैरिफ के मुद्दो पर बात कर सकते हैं.
लूला ने कहा, उन्हें बात करनी होगी तो भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से करेंगे या फिर शी जिनपिंग और पुतिन से करेंगे. लेकिन ट्रंप से कोई बात नहीं करेंगे.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने ठुकराया ट्रंप का ऑफर
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ-साथ चीन और ब्राजील पर भी तगड़े टैरिफ की घोषणा की है. दरअसल तीनों देश ब्रिक्स साथी हैं. ट्रंप ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को कहा था कि वो कभी भी कॉल करके टैरिफ पर चर्चा कर सकते हैं.
ट्रंप के इस ऑफर को ठुकराते हुए राष्ट्रपति लूला ने कहा कि “इससे अच्छा वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कॉल कर लेंगे.” लूला ने कहा, “मैं पुतिन को कॉल नहीं करूंगा क्योंकि वो यात्रा नहीं कर सकते, लेकिन कई और राष्ट्राध्यक्षों से बात करूंगा. ब्राजील अपने हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन सहित सभी उपलब्ध संसाधनों और विकल्पों का उपयोग करेगा.”
ट्रंप ने की थी लूला के तख्तापलट की कोशिश
अमेरिका द्वारा ब्राजील पर लगाए गए भारी भरकम टैरिफ के बीच इसी सप्ताह ब्राजील के राष्ट्रपति ने खुलासा किया था कि ट्रंप ने उनके तख्तापलट की कोशिश की थी. इसके लिए ट्रंप ने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को मोहरा बनाया था.
बोल्सोनारो और ट्रंप के बीच काफी अच्छे संबंध है और इन दिनों बोल्सोनारो को कोर्ट के आदेश के बाद हाउस अरेस्ट किया गया है, जिससे ट्रंप बेहद नाराज हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील के उस जज पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो पूर्व राष्ट्रपति जैल बोल्सोनारे के मामले की सुनवाई कर रहे है.
लूला ने अमेरिका को दो टूक कह दिया है कि ब्राजील वैश्विक मंच पर अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार है. लूला ने कहा, “हम अमेरिका से व्यापार तैयार करेंगे, जब हमें बराबर का दर्जा दिया जाएगा. मैं यह नहीं भूलूंगा कि उन्होंने पहले ही यहां तख्तापलट करने में मदद की है. ब्राजील अब आर्थिक रूप से अमेरिका पर निर्भर नहीं है. हमारी इकोनॉमी विस्तारित वैश्विक व्यापार संबंधों और मजबूत घरेलू बुनियादी ढांचों पर निर्भर है. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर का विकल्प तलाशना जरूरी है.”
भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते नहीं बिगाड़ने चाहिए: निक्की हेली
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव की तीखी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ (शुल्क) लगाने की बात कही थी.
निक्की हेली ने एक्स पर लिखा, भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन, जो हमारा एक विरोधी है और रूसी व ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए टैरिफ में ढील दी गई है. चीन को छूट ना दें और भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ अपने रिश्ते खराब ना करें.”