Acquisitions Breaking News Defence Geopolitics

वायुसेना प्रमुख एलसीए प्रोजेक्ट से चिंतित, Su-57 एयरक्राफ्ट आ रहा भारत

चीन ने अगर दो-दो स्टील्थ फाइटर जेट तैयार कर लिए हैं और छठी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट के जरिए पूरी दुनिया को दांतो तले उंगलियां चबाने पर मजबूर कर दिया है तो भारत की धरती पर भी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट पहुंचने जा रहा है. मौका होगा अगले महीने बेंगलुरु में आयोजित होने वाले एयरो-इंडिया 2025 का. मित्र-देश रूस अपने सु-57 (सुखाई-57) स्टील्थ लड़ाकू विमान को भारत में होने वाली हवाई प्रदर्शनी में भेज रहा है.

बेंगलुरु के येलाहंका एयरफोर्स स्टेशन पर पांच दिवसीय (10-4 फरवरी) एयरो-इंडिया प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है. देश-विदेश के कई लड़ाकू विमानों के एशिया की सबसे बड़ी हवाई प्रदर्शनी में हिस्सा लेने की खबर है. ये पहला मौका होगा जब रूस का सु-57 विमान भारत आएगा. (Aero-India के लिए येलाहंका का रनवे तैयार, वैश्विक स्तर के स्वदेशीकरण की उड़ान)

रूस की सुखोई कंपनी द्वारा निर्मित सु-57 को पिछले साल नवंबर में चीन के एयरो शो में दिखाई पड़ा था. कुछ हफ्ते पहले ही रूस ने सु-57 को अपनी वायुसेना में शामिल किया है. ये रूस का पहला फीफ्थ जेनरेशन का फाइटर जेट है.

पुतिन और सु-57 आ रहे हैं भारत

खास बात ये है कि जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की तारीख भी सामने आने वाली है. माना जा रहा है कि अपनी यात्रा के पुतिन के द्वारा भारत को सु-57 देने का ऑफर दिया जा सकता है. पुतिन ने भारत में साझा मैन्युफैक्चरिंग करने का पहले से ही इच्छा जताई है.

क्योंकि भारत ने हथियारों के निर्माण के लिए मेक इन इंडिया को ही फ्लैगशिप प्रोग्राम अपना रखा है. ऐसे में रूस, भारत के साथ मिलकर सु-57 के निर्माण का प्रपोजल रख सकता है. पिछले दो दशक से भारत, रूस की मदद से सु-30 फाइटर जेट का निर्माण देश में ही कर रहा है. 

चीन दे रहा है पाकिस्तान को 40 स्टील्थ फाइटर जेट

चीन ने दो स्टील्थ फाइटर जेट (जे-20 और जे-35) बनाकर तैयार कर लिए हैं. इसके अलावा एक छठी पीढ़ी के फाइटर जेट (स्टील्थ बॉम्बर) को भी बनाने का दावा किया है. इससे भारत के माथे पर पसीना आना लाजमी है.

भारत के लिए दुविधा इसलिए भी है क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को भी 40 जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट देने का ऐलान कर दिया है. वहीं, भारत के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट, एमका को तैयार होने में कम से कम पूरा एक दशक लग सकता है यानी 2035 से पहले वायुसेना को स्टील्थ फाइटर जेट मिलना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है. (पाकिस्तान को मिलेंगे 40 J-35 एयरक्राफ्ट, चीन ने बनाया है स्टील्थ जेट)

अमेरिका ने की एविएशन इंजन की सप्लाई मे देरी

अमेरिका से एविएशन इंजन में मिलने से हो रही देरी से भी भारत की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. एविएशन इंजन ना मिलने से एलसीए-तेजस के मार्क-1ए फाइटर जेट की सप्लाई में देरी हो गई है. मार्क-1ए प्रोजेक्ट एक साल पीछे चल रहा है.

वायुसेना प्रमुख ने एलसीए प्रोजेक्ट को लेकर जताई चिंता

वहीं, मंगलवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ये कहकर सनसनी फैला दी कि अभी तक एलसीए-तेजस के 40 एयरक्राफ्ट की सप्लाई हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से पूरी नहीं हो पाई है. जबकि पहला तेजस विमान वर्ष 2016 में ही वायुसेना में शामिल हो गया था. (https://x.com/OsintTV/status/1876589545468440822)

एयरोस्पेस सेक्टर में प्राईवेट कंपनियों की भागीदारी

स्वदेशी एलसीए प्रोजेक्ट में हो रही देरी के चलते ही वायुसेना प्रमुख ने सरकारी उपक्रम (एचएएल) के अलावा प्राईवेट कंपनियों को भी एयरोस्पेस सेक्टर में हिस्सेदारी की वकालत कर डाली.

एयर चीफ मार्शल पहले ही कह चुके हैं कि एविएशन तकनीक और लड़ाकू विमानों के प्रोडक्शन में भारत, चीन से बहुत पीछे है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1842152929970565543)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *