गुरुवार की सुबह भारतीय वायुसेना का एक रिमोटली पायलट एयरक्राफ्ट (आरपीए) राजस्थान के जैसलमेर में क्रैश होने के बाद धूं-धूं कर जल उठा. पिछले दो सालों में जैसलमेर में भारतीय वायुसेना के यूएवी के क्रैश होने की ये दूसरी बड़ी घटना है.
जानकारी के मुताबिक, जैसलमेर इलाके में टोही विमान को लोगों ने गिरते हुए देखा. विमान हादसा जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ. रोजानियों की ढाणी और जजिया गांव के बीच में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का मलबा दूर-दूर तक गिरा. जैसे ही यूएवी गिरा भीषण आग लग गई. विमान के मलबे में आग लगने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने बुझाने की कोशिश भी, लेकिन विमान जलकर खाक हो गया. एयरक्राफ्ट जलने का एक वीडियो भी सामने आया है. चश्मदीदों के मुताबिक, जिस वक्त प्लेन क्रैश हुआ तो जोरदार धमाका हुआ और विमान में आग लग गई. माना जा रहा है कि हादसा तकनीकी खराबी के कारण हुआ.
हादसे की जांच के आदेश: वायुसेना
इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) ने हादसे की जानकारी सोशल मीडिया एक्स पर शेयर की. वायुसेना के मुताबिक, “हादसे का शिकार विमान रिमोट संचालित था. आज सुबह नियमित प्रशिक्षण पर था. प्रशिक्षण के दौरान जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया गया है.”
क्या होता है आरएवी ?
आरएवी (ड्रोन) मानव रहित विमान होता है जिसे ग्राउंड पर तैनात फ्लाइट कमांडर ओपरेट करते हैं. इस तरह के अनमैन्ड एयरक्राफ्ट (यूएवी) का इस्तेमाल आसमान से निगरानी रखने के लिए किया जाता है. पाकिस्तान बॉर्डर के बेहद करीब तैनात होने के चलते माना जा रहा है कि ये एयरक्राफ्ट सीमावर्ती इलाकों पर निगरानी कर रहा था. भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल इस तरह के दो आरएवी हैं जो इजरायल से लिए गए थे. पहला है ‘हेरॉन’ ड्रोन और दूसरा है ‘सर्चर’.
तीसरी बड़ी घटना
जैसलमेर में यूएवी के क्रैश होने की ये तीसरी बड़ी घटना है. इससे पहले वर्ष 2015 और वर्ष 2022 में भी जैसलमेर में ही यूएवी क्रैश की घटनाएं सामने आई थीं. पिछले महीने ही भारत-शक्ति एक्सरसाइज के दौरान एलसीए तेजस फाइटर जेट भी जैसलमेर शहर में क्रैश हो गया था. उस दौरान एक्सरसाइज की समीक्षा करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 80 किलोमीटर दूर पोखरण रेंज में मौजूद थे.