संयुक्त राष्ट्र महासभा में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोलना शुरु किया तो वहां भी वैश्विक चिंताओं को परे रखकर ट्रंप अपनी वाहवाही करने में जुट गए. ट्रंप ने दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों के सामने खुद को नोबेल पुरस्कार का असली दावेदार बताया.
ट्रंप के नोबल पुरस्कार के उतावलेपन को देखते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दी है ट्रंप को सलाह. मैक्रों ने कहा है कि अगर ट्रंप गाजा का युद्ध रुकवा देते हैं तो नोबेल पुरस्कार मिलना तय है.
दरअसल मैक्रों ने न्यूयॉर्क से ऐसा पासा फेंका है, जिसमें ट्रंप फंस सकते हैं. यूरोप की अधिकतर देशों ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश घोषित किया है. फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब समेत 140 से ज्यादा देशों का मानना है कि गाजा युद्ध रोकने के लिए टू स्टेट सॉल्यूशन यानि फिलिस्तीन को स्वत्रंत देश बनाना चाहिए. लेकिन अगर अमेरिका, अपने पक्के दोस्त इजरायल की बात मानकर वीटो लगाता है, तो फिलिस्तीन स्वतंत्र देश नहीं घोषित होगा.
ट्रंप को नोबेल पुरस्कार चाहिए, तो गाजा युद्ध रुकवाएं: मैक्रों
मैक्रों ने कहा है कि “अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सच में नोबेल शांति पुरस्कार जीतना चाहते हैं, तो उन्हें गाजा में चल रहे युद्ध को रोकना होगा.”
मैक्रों ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, कि “ट्रंप के पास ही इजरायल पर दबाव बनाने की शक्ति है. अमेरिका ही वो देश है जो इजरायल को हथियार आपूर्ति करता है. जिसका साफ मतलब है कि गाजा युद्ध के लिए अमेरिका जिम्मेदार है. अगर ट्रंप इस युद्ध को रोक देते हैं, तो उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता है.”
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में नोबेल पुरस्कार मांगा
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में बोलते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत-पाकिस्तान समेत उन्होंने सात युद्धों को समाप्त कराया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “सिर्फ सात महीनों की अवधि में मैंने सात अकल्पनीय युद्धों को समाप्त कर दिया है. इसमें कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, पाकिस्तान और भारत, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, आर्मेनिया और अजरबैजान शामिल हैं.”
ट्रंप ने ये भी कहा, कि “हर कोई मुझे कहता है कि आपको नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि आप युद्ध रोकना चाहते हैं. ये बात सच है कि मैं सिर्फ लोगों का जानें बचाना चाहता हूं. हमने सात युद्धों में लाखों-करोड़ों लोगों की जानें बचाई हैं.”
इससे पहले ट्रंप कह चुके हैं कि उन्होंने शांति के लिए इतना काम किया है कि उन्हें 4-5 नोबेल पुरस्कार मिल जाना चाहिए था.
ट्रंप, नोबेल के लिए इतने उतावले की चयन करने वाले नॉर्वे को भी मिला दिया था कॉल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति के लिए नोबल पुरस्कार के लिए इतने आतुर हैं, कि देशों को फोन कर करके या खुद ही अपनी तारीफ करके खुद को नोबल पुरस्कार का हकदार बता रहे हैं. खुलासा हुआ है कि कुछ दिनों पहले ट्रंप ने टैरिफ के बहाने नॉर्वे के वित्त मंत्री को कॉल किया और फिर उनसे नोबेल पुरस्कार का राग छेड़ते हुए कह दिया कि मुझे शांति के लिए नोबल मिलना चाहिए. नॉर्वे ही वो देश है जिसकी नोबेल समिति ही शांति पुरस्कार के लिए नामों का चयन करती है.
कैसे होता है नोबल पुरस्कार का चयन?
शांति के नोबल पुरस्कार की घोषणा नॉर्वे अक्टूबर महीने में करेगा. प्रत्येक वर्ष सैकड़ों उम्मीदवारों के नामांकन के साथ, पुरस्कार विजेताओं का चयन नॉर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा किया जाता है. नॉर्वे की कमेटी के 5 सदस्यों को 19वीं सदी के स्वीडिश उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के अनुसार नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त किया जाता है.