नाटो देश की ट्रंप को चेतावनी, भारत से अच्छे व्यवहार की वकालत भारत से सुधारो व्यवहार नहीं तो हार जाएंगे, फिनलैंड ने ट्रंप को समझाया भारत से लगातार संबंध बिगाड़ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके ही करीबी और नाटो देश फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब ने खरी खरी सुना दी है.
स्टब ने चेतावनी दी है कि अगर यूरोप और अमेरिका ग्लोबल साउथ और भारत के प्रति सहयोगात्मक विदेश नीति नहीं अपनाते हैं तो पश्चिमी देश वैश्विक प्रभाव खो देंगे.
आपको बता दें कि फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब और ट्रंप अच्छे दोस्त माने जाते हैं. दोनों मित्र देश तो हैं हीं साथ ही स्टब-ट्रंप कई कई घंटों तक गोल्फ भी खेल चुके हैं.
भारत के साथ सम्मानजनक और गरिमापूर्ण व्यवहार हो: राष्ट्रपति स्टब
ट्रंप के करीबी और गोल्फ खेलने वाले मित्र फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब ने कहा है कि “ग्लोबल साउथ, खासकर भारत के लिए विदेश नीति में बदलाव करे, नहीं तो अमेरिका और पश्चिमी देश अपना खेल हार जाएंगे.”
स्टब ने कहा, “मेरा संदेश न केवल मेरे यूरोपीय सहयोगियों के लिए बल्कि विशेष रूप से अमेरिका के लिए यह है कि अगर हम भारत जैसे ग्लोबल साउथ के प्रति अधिक सहयोगी और सम्मानजनक विदेश नीति नहीं बनाते हैं, तो हम यह खेल हार जाएंगे.”
आपको बता दें कि हाल ही में राष्ट्रपति स्टब ने पीएम मोदी से बात की थी और कहा था कि “रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने में अहम भूमिका निभा सकता है भारत. दक्षिण, पश्चिम और पूर्व में भारत की आवाज सुनी जाती है और उसका सम्मान किया जाता है.”
पुतिन-मोदी-जिनपिंग के एक साथ आने के बाद स्टब ने जताई यूरोप की चिंता
फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति स्टब ने वैश्विक परिस्थियों पर खुलकर बात की. एलेक्जेंडर स्टब ने ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीति पर सवाल उठाए. कहा, “यूरोप और अमेरिका ग्लोबल साउथ और भारत के प्रति अधिक सहयोगात्मक विदेश नीति अपनानी चाहिए.”
स्टब ने जोर देकर कहा कि “एससीओ की हालिया बैठक ने साबित कर दिया है कि चीन और रूस जैसे देश विकासशील दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. भारत, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देशों की सदस्यता वाले एससीओ की बीजिंग में हुई बैठक में आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय व्यापार पर फोकस किया गया. ये पश्चिमी देशों के लिए चुनौती है.”
स्टब ने कहा कि “चीन में एससीओ की बैठक पश्चिम को याद दिलाती है कि पश्चिम का नेतृत्व और आर्थिक प्रभुत्व पर खतरा है. भारत जैसे देशों को नजरअंदाज करना घातक होगा. यह बैठक ग्लोबल वेस्ट में हम सभी को याद दिलाती है कि हमारे लिए क्या दांव पर लगा है. हम पुरानी व्यवस्था के अवशेषों को बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.”
भारत को सहयोग न करके चीन को बढ़ावा दे रहे: स्टब
स्टब ने भारत का नाम लेते हुए कहा कि “नई दिल्ली ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व करती है और एससीओ जैसे मंचों में सक्रिय है. भारत के साथ सहयोग न बढ़ाकर हम चीन के प्रभाव को बढ़ावा देंगे.”
स्टब ने ट्रंप से अपील की कि “अमेरिका को क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया) जैसे गठबंधनों को मजबूत करना चाहिए, न कि केवल सैन्य तैनाती पर फोकस करना चाहिए.”
यूरोप के उन नेताओं में हैं राष्ट्रपति स्टब, जिनकी बात सुनते हैं ट्रंप
कहने के लिए तो फिनलैंड यूरोप का एक छोटा से देश है, लेकिन बेहद ही प्रभावशाली है. वो इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति स्टब को अमेरिकी प्रेसिडेंट बहुत मानते हैं. मार्च के महीने में ट्रंप के फ्लोरिडा वाले मार-ए-लागो रिसॉर्ट में उन्होंने ट्रंप के साथ सात घंटे तक गोल्फ खेला था.
हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया कि स्टब को ट्रंप तक एक अनोखी पहुंच मिली है जो किसी भी छोटे यूरोपीय देश के किसी भी व्यक्ति को कभी नहीं मिली. ट्रंप, राष्ट्रपति स्टब को एक ‘युवा, शक्तिशाली व्यक्ति मानते हैं और सम्मान करते हैं.
यही कारण है कि फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब, अगस्त में यूक्रेन पर व्हाइट हाउस में हुई यूरोपीय नेताओं की बैठक में भी पहुंचे थे.
स्टब ने की पीएम मोदी से रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने की पैरवी, कहा, भारत की बात सुनी जाती है
28 अगस्त को पीएम मोदी से राष्ट्रपति स्टब ने पीएम नरेंद्र मोदी से बात की थी. फोन पर बातचीत में स्टब ने पीएम मोदी को वॉशिंगटन में यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन के नेताओं के बीच हुई बैठकों के बारे में जानकारी दी.
राष्ट्रपति स्टब ने इस दौरान कहा “रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए एक न्यायपूर्ण और टिकाऊ हल निकालना सबके हित में है. भारत इस मामले में अहम भूमिका निभा सकता है. दक्षिण, पश्चिम और पूर्व में भारत की आवाज सुनी जाती है और उसका सम्मान किया जाता है.”