रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारत, धुर-विरोधी देश यूएस, रशिया और ईरान को एक साथ लाने में कामयाब हो गया है. मौका होगा अगले हफ्ते से विशाखापत्तनम में शुरु हो रही मिलन इंटरनेशनल एक्सरसाइज जिसे दुनिया की सबसे बड़ी मेरिटाइम एक्सरसाइज माना जा रहा है.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, मिलन मेरिटाइम एक्सरसाइज (19-27 फरवरी) में जापान, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और कीनिया सहित कुल 51 देश हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन इस अंर्तराष्ट्रीय मिलिट्री एक्सरसाइज में सबकी नजरें टिकी होंगी अमेरिका, रुस और ईरान पर. क्योंकि जहां अमेरिका और रुस एक आंख एक दूसरे को नहीं सुहाते हैं तो यूएस की ईरान से भी छत्तीस का आंकड़ा है.
यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद से ही अमेरिका ने रुस पर जबरदस्त प्रतिबंध लगा रखे हैं. इसके अलावा रुस के खिलाफ जंग में अमेरिका पूरी तरह से यूक्रेन का साथ दे रहा है. अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार तक मुहैया कराएं है. यही वजह है कि रुस और अमेरिका की अदावत बेहद मुखर है.
दूसरी तरफ इजरायल-हमास युद्ध शुरु होने के बाद से अमेरिका के ईरान से भी संबंध बेहद खराब हो गए हैं. अमेरिका का आरोप है कि ईरान समर्थित हूती विद्रोही रेड सी (लाल सागर) में इजरायल और अमेरिका के जंगी जहाज और व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं. लेकिन हाल के महीनों में रूस और ईरान बेहद करीब आ गए हैं. ईरान ने रूस को शहीद ड्रोन के जरिए यूक्रेन युद्ध में बड़ी मदद की है. ऐसी तनावपूर्ण जियो-पॉलिटिक्स के बीच भारत ने इन तीनों देशों को एक साथ साझा मिलिट्री एक्सरसाइज में जुटाना का जटिल काम किया है. ये भारत की सफल मिलिट्री-डिप्लोमेसी का ही नतीजा है.
भारतीय नौसेना की विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ, रियर एडमिरल शांतनु झा के मुताबिक, मिलन एक्सरसाइज में जो 51 देश हिस्सा ले रहे हैं उनमें चार देशों की नौसेनाएं अमेरिका महाद्वीप की हैं, पांच यूरोप से हैं और 16 अफ्रीका से हैं. भारत सहित एशिया के 22 देशों की नौसेनाएं मिलन में आ रही हैं तो 04 देश ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप के हैं. रियर एडमिरल के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास में कुल 35 जंगी जहाज और पनडुब्बियां हिस्सा लेंगे. इनमें से 20 युद्धपोत भारतीय नौसेना के हैं. एक्सरसाइज में कुल 50 एयरक्राफ्ट शिरकत कर रहे हैं.
भारतीय नौसेना के डिप्टी चीफ, वाइस एडमिरल तरुण सोबती के मुताबिक, मिलन युद्धाभ्यास का उद्देश्य भारत और हिस्सा ले रहे है देशों की नौसेनाओं को एक साथ समुद्री-चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक इंटरनेशनल प्लेटफार्म प्रदान करना है.
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