प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले, स्वदेशी एविएशन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अमेरिकी कंपनी जीई को साफ कर दिया है कि स्वदेशी एलसीए मार्क-2 लडाकू विमान के लिए खरीदे जाने वाले एविएशन इंजन की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (टीओटी) पर स्थिति स्पष्ट करना होगी, तभी इस डील पर आगे बढ़ा जा सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच एलसीए मार्क-2 फाइटर जेट के लिए जीई कंपनी के एफ-414 इंजन के सौदे को लेकर बातचीत चल रही है। भारत चाहता है कि इन इंजन का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत देश में ही किया जाए। जीई कंपनी इन इंजन की 80 प्रतिशत तकनीक भारत को ट्रांसफर करने के साथ ही देश में ही निर्माण के लिए तैयार है।
बेंगलुरू में चल रहे एयरो इंडिया-2025 के इतर एचएएल के सीएमडी डी के सुनील ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि पिछले सप्ताह एचएएल की एक टीम ने जीई के बोस्टन प्लांट का दौरा किया था। इस दौरान टैक्नोलॉजी ट्रांसफर की संभावनाओं पर विस्तार से बातचीत हुई थी. अगले महीने एक उच्च स्तरीय अमेरिकी टीम भी भारत आएगी और एचएएल के सवालों के जवाब देगी. उन्होंने कहा कि इस सौदे की कीमत के बारे में आगे बातचीत अमेरिकी जवाब पर ही निर्भर करेगी.
इस महीने हो जाएगा 80 प्रतिशत टीओटी पर फैसला
यह सौदा दोनों देशों के लिए बेहद अहम है. भारतीय वायु सेना के लिए तेजस मार्क टू फाइटर का इंजन इसी डील पर निर्भर है. दूसरी ओर अमेरिकी ट्रंप प्रशासन रक्षा सौदों में तेजी लाने का इच्छुक है. पहले भारत की मांग 58 प्रतिशत टैक्नोलॉजी ट्रांसफर की थी. अमेरिकी कंपनी की ओर से कीमत की मांग और भारतीय जरुरतों को देखते हुए एचएएल ने 80 प्रतिशत टैक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर दिया है.
उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा (13-14 फरवरी) में जीई 414 का सौदा हो सकता है. लेकिन टैक्नोलॉजी ट्रांसफर की इस शर्त को देखते हुए यह सौदा फिलहाल टल गया लगता है.
एलसीए मार्क-2 होगा मार्क-1ए अधिक उन्नत और घातक
वर्ष 2023 में सरकार ने एलसीए मार्क-2 यानी मीडियम वेट फाइटर यानी (एमडब्लूएफ) के निर्माण के लिए एचएएल और डीआरडीओ को 9000 करोड़ रुपये की राशि दी थी. उसी वर्ष पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान यूएस एविएशन कंपनी जीई से एक करार के तहत एविएशन-इंजन भारत में ही बनाने को लेकर चर्चा की थी. ये जीई-414 इंजन एलसीए मार्क-2 वर्जन में ही लगाए जाएंगे.
जीई-414 इंजन, मार्क-1 में लगने वाले जीई-404 से हैवी है. ऐसे में मार्क-2 एयरक्राफ्ट में 11 वेपन पोड लगाए जा सकते हैं. जबकि मार्क-1ए में 08 वेपन पोड है.
एलसीए मार्क-1ए का पहला इंजन मार्च से
एचएएल सीएमडी के मुताबिक, जीई ने एलसीए मार्क-1ए के लिए पहला एफ-404 इंजन मार्च में देने पर सहमति दे दी है. इसके बाद एक साल (2025-26) के भीतर 12 और इंजन सप्लाई किए जाएंगे. इस तरह एलसीए के प्रोडक्शन की बाधाएं दूर होंगी और अगले साढे तीन साल में वायु सेना को 83 तेजस मिल जाएंगे.
एचएएल के मुताबिक, इसके बाद 97 मार्क वन तेजस की टाइमलाइन 2031 रखी गई है. इस तरह वायु सेना को दोनों टाइप के 180 तेजस मिल जाएंगे.