भारत ने लेबनान में इजरायल के ग्राउंड अटैक के दौरान यूएन पीसकीपिंग फोर्स की सुरक्षा पर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से जुड़े परिसर में किसी तरह की कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए. माना जा रहा है कि इजरायली सेना के हमले में यूएन पीसकीपिंग फोर्स के दो जवान घायल हुए हैं.
विदेश मंत्रालय के लिए इसलिए भी चिंता है क्योंकि लेबनान में भारतीय सेना की एक पूरी टुकड़ी यूएन पीसकीपिंग फोर्स का हिस्सा है और ब्लू लाइन पर तैनात रहती है.
यूएन के 1701 प्रस्ताव के तहत इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच वर्ष 2006 में (लेबनान युद्ध) के दौरान युद्धविराम स्थापित किया गया था. प्रस्ताव के तहत इजरायल और लेबनान की सीमा पर एक ब्लू लाइन खींची गई है जहां यूएन पीसकीपिंग फोर्स तैनात है. इस फोर्स को यूनाइटेड नेंशस अंतरिम फोर्स इन लेबनान (यूएनआईएफएल) के नाम से जाना जाता है.
इस यूएनआईएफएल में अलग-अलग देशों की सेनाओं की टुकड़ियां इजरायल-लेबनान सीमा पर तैनात रहती हैं. यूएन फोर्स के तैनात रहने के चलते ही इजरायल-लेबनान सीमा को ब्लू-लाइन के नाम से भी जाना जाता है.
लेबनान में लिमिटेड ग्राउंड अटैक से पहले इजरायल ने यूनाइटेड नेशन्स इंटरिम फोर्स इन लेबनान को अपने प्लान की जानकारी दी थी. यानी इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ब्लू लाइन पार कर सीमावर्ती दक्षिणी लेबनान में दाखिल हो रही है.
भारतीय सेना की एक इंफैन्ट्री बटालियन भी इसी यूएनआईएफएल का हिस्सा है और गोलन हाइट्स पर तैनात रहती है.
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम स्थिति की बारीकी से निगरानी करना जारी रखते हैं.
यूएनआईएफएल ने भी अपने परिसर पर इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के गोला-बारी की जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के दो सैनिक घायल हो गए हैं. यूएनआईएफएफ ने संयुक्त राष्ट्र परिसर के करीब आईडीएफ के टैंक और सैनिकों की तैनाती पर चिंता जताई है. (https://x.com/UNIFIL_/status/1844721654934462479)
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र परिसर की अनुल्लंघनीयता का सभी को सम्मान करना चाहिए, और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके जनादेश की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए. (https://x.com/MEAIndia/status/1844677242682585318)
हाल ही में गोलन हाइट्स में तैनात एक भारतीय सैनिक की गंभीर चोट लगने के बाद वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए रेस्क्यू कराया गया था. (https://x.com/IDF/status/1844410639319724327)
(पुतिन की ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात, इजरायल के सरप्राइज अटैक का इंतजार)