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मॉस्को यात्रा के बावजूद भारत है सामरिक पार्टनर: US

पीएम मोदी के मॉस्को के सफल दौरे के बाद अमेरिका में हड़कंप मचा हुआ है. मोदी ने तीसरी बार सत्ता में आने के एक महीने के अंदर ही ना सिर्फ पुतिन से मुलाकात की बल्कि पश्चिमी देशों के पुतिन के अलग थलग करने की मंशा को झटका दे दिया है. 

एक बार फिर से अमेरिका ने पीएम मोदी के रूस दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत और अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी पर बड़ा बयान दिया है. भारत-रूस के द्विपक्षीय समझौतों पर व्हाइट हाउस की पैनी नजर थी, अब पीएम का रूस दौरा पूरा होने के बाद अमेरिकी ने कहा है कि “रूस के साथ अपने संबंधों को लेकर चिंताओं के बावजूद भारत, वाशिंगटन का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा.”

भारत और अमेरिका एक रणनीतिक साझेदार: पेंटागन

पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ” भारत और रूस के बीच काफी लंबे समय से रिश्ते हैं. अमेरिका के नजरिये से, भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम रूस से उसके रिश्तों सहित पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करना जारी रख रहे हैं.” पैट राइडर के अलावा व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरीन जीन-पियरे ने कहा कि “भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ अमेरिका पूरी तरह और खुलकर संवाद करता है जिसमें रूस के साथ उनके संबंध शामिल हैं.” 

इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि “हमने अपनी चिंताओं को निजी तौर पर सीधे भारत सरकार के सामने जाहिर किया है और हम ऐसा करना जारी रख रहे हैं. इसमें बदलाव नहीं हुआ है.”

‘पुतिन अलग-थलग नहीं’ वाले सवाल पर क्या बोला अमेरिका?

पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, “मुझे नहीं लगता कि अगर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (मोदी की) इस यात्रा को कुछ ऐसे पेश करें, जिससे किसी तरह यह दिखाया जा सके कि वह बाकी दुनिया से अलग-थलग नहीं हैं, तो कोई भी आश्चर्यचकित होगा. सच तो यह है कि राष्ट्रपति पुतिन के युद्ध चुनने से रूस बाकी दुनिया से अलग-थलग हो गया है और उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है.”

पैट राइडर के जवाब पर एक पत्रकार ने सवाल किया कि “पुतिन उतने अलग-थलग नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रमुख मॉस्को में हैं और उनसे गले मिल रहे हैं?”
पत्रकार के सवाल पर पैट राइडर ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी और उन्हें आश्वस्त किया था कि भारत, यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए वह सब कुछ करना जारी रखेगा, जो उसके बस में है.”

पैट राइडर ने उम्मीद जताई कि “भारत, यूक्रेन के लिए स्थायी और न्यायपूर्ण शांति स्थापित करने के प्रयासों का समर्थन करेगा और पुतिन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का पालन करने के महत्व से अवगत कराएगा.”

पुतिन ही युद्ध समाप्त कर सकते हैं: केरीन पियरे

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरीन पियरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूक्रेन का मुद्दा उठाते हुआ कहा कि “जब यूक्रेन की बात हो तो भारत समेत सभी देश एक स्थायी और शांति को साकार करने के प्रयासों का समर्थन करें. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि रूस के साथ भारत का दीर्घकालिक संबंध उसे राष्ट्रपति पुतिन के यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की क्षमता देता है. युद्ध खत्म करना राष्ट्रपति पुतिन की जिम्मेदारी है. राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध शुरू किया और राष्ट्रपति पुतिन युद्ध समाप्त कर सकते हैं.’’

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