मालदीव भले ही चीन की गोद में बैठ गया हो लेकिन भारत ने उसका काउंटर शुरु कर दिया है. इसके तहत मालदीव से महज 500 किलोमीटर दूर लक्षद्वीप के मिनिकोए आईलैंड पर भारतीय नौसेना का अहम नेवल बेस आईएनएस जटायु बनाने की तैयारी कर ली गई है. इसके साथ ही पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (ट्रिपल सी), नेवी के सामरिक महत्व के बेस कारवार से मिनीकोय आईलैंड तक के सफर के दौरान जंगी बेडे़ में कराने की तैयारी भी कर ली गई है.
जानकारी के मुताबिक, हिंद महासागर में समुद्री-व्यापार को सुरक्षित करने के इरादे से लक्षद्वीप के मिनिकोए और अगाती आईलैंड में नेवल बेस बनाया जा रहा है. इसके तहत मिनिकोए आईलैंड में नया एयर-स्ट्रीप बनाया जा रहा है तो अगाती की एयर-स्ट्रीप को बड़ा करने का काम भी शुरु कर दिया गया है.
दरअसल, अरब सागर से दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, प्रशांत महासागर और सुदूर-पूर्व के देशों को जाने वाले समुद्री जहाज लक्षद्वीप के करीब से गुजरते हैं. ऐसे में समुद्री-व्यापार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लक्षद्वीप में भारत अपनी सामरिक पकड़ मजबूत करने में जुट गया है. इससे मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव पर भी लगाम लगाई जा सकती है.
इस बीच खबर है कि अगले महीने देश की सस्शत्र सेनाओं यानी थलेसना, वायुसेना और नौसेना के टॉप मिलिट्री कमांडर्स का चार दिवसीय सम्मलेन (4-7 मार्च) का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए पहले चरण में (4-5 मार्च) को रक्षा मंत्री, भारतीय नौसेना के दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनस विक्रमादित्य के जंगी बेड़े के साथ गोवा के करीब कारवार नेवल बेस से लक्षद्वीप तक का सफर तय करेंगे. इस जंगी बेड़ा का आखिरी पड़ाव कोच्चि नेवल बेस होगा.
सम्मलेन का आखिरी चरण 6-7 मार्च को आयोजित किया जाएगा. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि ये कहां आयोजित किया जाएगा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ट्रिपल-सी सम्मलेन को आखिरी दिन संबोधित करते हैं. इस दौरान रक्षा मंत्री, एनएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा सभी वरिष्ठ सैन्य कमांडर मौजूद रहते हैं.
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