भारतीय नौसेना की कमान संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर गए चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (सीएनएस) एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने मंगलवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से ढाका में मुलाकात की. बहुत कम देखने को मिलता है कि नौसेना प्रमुख पहली विदेश यात्रा पर बांग्लादेश गए हैं. अमूमन ये यात्राएं हिंद महासागर क्षेत्र के आईलैंड देशों की होती आई थी. लेकिन इस यात्रा से साफ है कि लैंड बॉर्डर के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी के लिए भी भारत के लिए बांग्लादेश एक अहम मेरीटाइम पार्टनर है.
एडमिरल त्रिपाठी का बांग्लादेश दौरा इस मायने में भी बेहद अहम है कि शेख हसीना पिछले एक महीने में दो बार राजधानी दिल्ली का दौरा कर चुकी हैं. 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पहली राष्ट्राध्यक्ष (गेस्ट) थी जो सबसे पहले दिल्ली पहुंची थी. उसके बाद वे एक बार फिर वे 21 जून को भारत के आधिकारिक दौरे पर आई और मोदी 3.0 में राजधानी दिल्ली आने वाली पहली राष्ट्राध्यक्ष बनी.
दिल्ली में आधिकारिक दौरे के दौरान शेख हसीना ने प्रधानमंत्री मोदी को बांग्लादेश आने का न्योता दिया है. ऐसे में माना जा सकता है कि मोदी जल्द ढाका की यात्रा कर सकते हैं. ऐसे में एडमिरल त्रिपाठी का बांग्लादेश दौरा (1-4 जुलाई) भी बेहद मायने रखता है.
एडमिरल त्रिपाठी से मुलाकात के दौरान शेख हसीना ने 1971 के (बांग्लादेश मुक्ति) युद्ध में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की. पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध और बांग्लादेश की आजादी में भारतीय नौसेना ने एक निर्णायक भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान की सी-लाइन्स को पूरी तरह से बाधित कर मिलिट्री और सिविल सप्लाई लाइन में अवरोध पैदा कर दिया था. रि-एनफोर्समेंट न होने के कारण ही पाकिस्तानी सेना ने युद्ध के दौरान भारत के सामने सरेंडर कर दिया था.
यही वजह है कि एडमिरल त्रिपाठी ने बांग्लादेश दौरे के दौरान पीएम शेख हसीना से मुलाकात के साथ-साथ शिखा अनिर्बान (प्रज्वलित मशाल) पर जाकर बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में शहीद हुए शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की. नौसेना प्रमुख ने इसके अलावा बांग्लादेश के नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में जाकर सैन्य अफसरों को संबोधित भी किया और अपने समकक्ष एडमिरल एम नजमुल से मुलाकात की.
हाल के सालों में बांग्लादेश अपनी सैन्य जरूरतों के लिए लगातार चीन की मदद ले रहा है. टैंक से लेकर पनडुब्बी तक बांग्लादेश ने चीन से खरीदी हैं. हालांकि, चीनी टैंक और दूसरे सैन्य उपकरणों में काफी खामियां भी नजर आई हैं. यही वजह है कि जब शेख हसीना जब पीएम मोदी से मुलाकात करने दिल्ली आई थी तो दोनों देशों (भारत और बांग्लादेश ने) साझा रक्षा उत्पादन के लिए अहम करार किया था. हालांकि, ये खुलासा नहीं किया गया कि किस तरह के हथियार भारत अब बांग्लादेश के साथ मिलकर तैयार करेगा.
बांग्लादेश के इंडो-पेसिफिक ओसियन इनीशिएटिव में शामिल होने के लिए मोदी ने शेख हसीना का आभार भी प्रकट किया था. इसके अलावा बॉर्डर मैनेजमेंट सहित आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए भी पीएम ने अपनी बांग्लादेशी समकक्ष की तारीफ की थी.
एडमिरल त्रिपाठी के बांग्लादेश दौरे के साथ ही भारतीय नौसेना का आईएनएस रणवीर युद्धपोत भी इनदिनों चटगांव (चटग्राम) बंदरगाह की विजिट पर है. आईएनएस रणवीर, राजपूत क्लास मिसाइल डेस्ट्रोयर (वारशिप) है, जो भारतीय नौसेना की पूर्वी फ्लीट का हिस्सा है. चटोग्राम के साथ ही आईएनएस रणवीर, बांग्लादेशी नौसेना के साथ मेरीटाइम पैसेज एक्सरसाइज (एमपीएक्स) में हिस्सा लेगा.