इजरायल पर ईरान के बड़े मिसाइल हमले के बाद मिडिल-ईस्ट क्षेत्र में मंडरा रहे युद्ध के बादल के बीच भारत ने संयम बरतने का आह्वान किया है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से ईरान की यात्रा न करने की एडवाइजरी भी जारी की है.
अमेरिका के दौरे पर मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश सचिव टोनी ब्लिंकन से भी पश्चिम एशिया में उपजे संकट पर भी चर्चा की. ब्लिंकन ने जयशंकर को बताया कि किस तरह इजरायल ने अमेरिका और दूसरे सहयोगी देशों की मदद से ईरान के हमले को विफल किया.
राजधानी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर पश्चिम एशिया में पैदा हुए संकट पर चिंता जाहिर करते हुए सभी देशों से संयम बरतने की बात कही ताकि आम लोगों की जान को बचाया जा सके.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये बेहद जरूरी है कि ये जंग बड़ा क्षेत्रीय स्वरूप न ले. ऐसे में विदेश मंत्रालय ने सभी विवादित मुद्दों को बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए सुलझाए जाने का आह्वान किया.
विदेश मंत्रालय ने एक अलग बयान जारी कर सभी भारतीय नागरिकों से अगर जरूरी न हो तो ईरान की यात्रा पर न जाने की एडवाइजरी जारी की है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने ईरान में रहने वाले भारतीयों को भी चौकस रहने की सलाह दी है. साथ ही तेहरान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क बनाने रखने की भी सलाह दी. मंत्रालय ने कहा कि हम पश्चिम एशिया में सुरक्षा हालात पर पूरी तरह नजर रखे हुए हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के हमले से पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत पर आतंकवाद के खिलाफ जंग को पूर्ण-युद्ध में न बदलने की सलाह दी थी. साथ ही हाल ही मे अपने अमेरिका दौरे के दौरान पीएम मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात के दौरान आतंकी सगंठन हमास की कैद में बंद इजरायली नागिरकों को जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की थी.