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बांग्लादेश में भारतीय वीजा सेंटर बंद, बीएसएफ अलर्ट

बांग्लादेश में जारी सियासी उथल-पुथल और हिंसा के बीच भारत ने बांग्लादेश में वीजा सेंटर बंद करने का फैसला लिया है. बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हमला हो रहा है, मंदिरों, घरों, होटल में तोड़फोड़ के साथ-साथ अब हिंदू महिलाओं पर भी हिंसक अटैक किए गए हैं. इसके चलते हिंदू नागरिक बांग्लादेश छोड़कर भारत आने की गुहार लगा रहे हैं. 

बांग्लादेश में तेजी से बदली स्थितियों की वजह से भारत ने अपने उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास में तैनात गैरजरूरी कर्मचारियों को वापस बुलाने के साथ-साथ वीजा सेंटर भी बंद कर दिया है, भारतीय दूतावास ने बांग्लादेश में एंबेसी का वीजा सेंटर अगले ऑर्डर तक बंद करने के आदेश दिए हैं. साथ ही दूतावास की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है. 

बांग्लादेश में अनिश्चितकाल के लिए बंद भारतीय वीजा सेंटर
भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र ने अपनी वेबसाइट पर आवेदकों को सूचित किया कि “आवेदन फिलहाल बंद कर दिए गए हैं. अगली तारीख के बारे में आवेदकों को एसएमएस के माध्यम से बताया जाएगा. अनुरोध है कि पासपोर्ट अगले कार्य दिवस पर प्राप्त करें.” भारतीय उच्चायोग से 190 गैर-आवश्यक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को पहले सुरक्षित निकाला गया है और उसके बाद वीजा को लेकर घोषणा की गई है. 

ढाका में उच्चायोग के अलावा, चटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में भारत के सहायक उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास हैं. 

बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने घुसपैठ नाकाम की
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने दो बड़ी घुसपैठ नाकाम की है. बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण के बीच जान बचाने के लिए लोग भारत सीमा में आना चाहते थे. बीएसएफ के अधिकारियों के मुताबिक, बीएसएफ के जवानों ने बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह को रोका है, जो पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के मुताबिक ये लोग बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों के हमलों के डर से इकट्ठा हुए थे. बीएसएफ ने समझा बुझाकर लोगों को वापस भेज दिया है.

अफवाहों पर ध्यान न दें: बीएसएफ
बांग्लादेश में हुई हिंसा और अस्थिरता के बाद भारत में घुसपैठ बढ़ने को लेकर सोशल मीडिया पर तरह तरह के दावे किए जा रहे हैं. इस बीच बीएसएफ के ‘नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर’ ने लोगों से ‘अफवाहों’ से बचने की अपील की है. बीएसएफ ने लोगों को शांत करने के लिए एक बयान जारी किया और कहा, “बांग्लादेश से अल्पसंख्यक आबादी की भारतीय सीमा की ओर व्यापक पैमाने पर कोई गतिविधि नहीं हुई है.”
बीएसएफ ने कहा, “स्थानीय अशांति के चलते कुछ बांग्लादेशी लोग एकत्रित हुए थे, पर इन लोगों को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया है और उन्हें अपने घर लौटने को कहा गया.” (https://x.com/neeraj_rajput/status/1821468937420259733)

भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ जवान हाई अलर्ट
भारत और बांग्लादेश के बीच कुल 4096 किलोमीटर लंबी सीमा है. ये दुनिया का पांचवां सबसे लंबा बॉर्डर है. अकेले पश्चिम बंगाल के साथ ही बांग्लादेश की सबसे 2200 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जो बेहद संवेदनशील है. बांग्लादेश से आने वाले नागरिकों की घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ हाई अलर्ट है. अवैध आवाजाही को रोकने के लिए सीमा को पूरी तरह सील भी कर दिया गया है. भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए घुसपैठ रोकना बेहद महत्वपूर्ण है.

यही वजह है कि जिस दिन शेख हसीना का तख्तापलट हुआ बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी भारत-बांग्लादेश की सीमा की सुरक्षा के लिए खुद ग्राउंड जीरो पर पहुंच गए. डीजी ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के पैट्रापोल इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के बेहद संवेदनशील माने जाने वाली रनाघाट चौकी का दौरा किया था. साथ ही सुरक्षा को लेकर जवानों और अधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश भी दिए थे.बंगाल से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई इलाकों में अभी तक फेंसिंग (कटीली तार) भी नहीं है, ऐसे में घुसपैठ रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1820812873372721321)

ओडिशा की सीमाओं का इस्तेमाल भारत विरोधी तत्वों के लिए नहीं- एडीजी
भारत में बांग्लादेशियों का प्रवेश को रोकने के लिए ओडिशा में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. ओडिशा ने अपनी 480 किलोमीटर लंबी समुद्र तटीय रेखा पर पेट्रोलिंग तेज कर दी है. ओडिशा, बांग्लादेश तट से लगभग 200 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, ओडिशा के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “बांग्लादेश से लोग अवैध तरीके से छोटी नावों का उपयोग कर ओडिशा में प्रवेश करते थे. पता चला है कि बांग्लादेश में अशांति के दौरान कई आपराधिक तत्व जेलों से बाहर आ गए हैं. कैदी भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं.”

ओडिशा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया है कि ‘‘हमने अपने 18 समुद्री पुलिस थानों को हाई अलर्ट पर रखा है. तटीय सुरक्षा के एडीजी ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और राज्य ने सभी कर्मचारियों, नावों और अन्य उपकरणों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया है.’’

एडीजी संजय कुमार ने कहा “हमारी सीमाओं का इस्तेमाल भारत विरोधी और बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. हम सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं.”

बिहार में भी बांग्लादेशियों को लेकर सतर्कता बढ़ी
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. किशनगंज और मोतिहारी जिले में पुलिस, बीएसएफ और बंगाल पुलिस मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों पर पेट्रोलिंग बढ़ाई है.  भारत-बांग्लादेश और नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है और हर आने-जाने वालों की सघन जांच की जा रही है. किशनगंज जिला, जो भारत-बांग्लादेश सीमा के काफी करीब है, वहां पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

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